पृष्ठ:हड़ताल.djvu/१३

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अ्ङक १]
[दृश्य १
हड़ताल

एडगार

[अपना अख़बार ऊपर उठाकर]

इस अख़बार से तो मालूम होता है कि उन्हें बहुत तकलीफ़ है।

वाइल्डर

अजी वह रद्दी अख़बार है, इसे वेंकलिन को दे दो। उस के उदार विचारों से मेल खाता है। ये सब हमें शायद दानव कहते होंगे। इस रद्दी अख़बार के एडीटर को गोली मार देना चाहिए।

एडगार

[पढ़ता है]

अगर उन सभ्य पुरुषों का बोर्ड, जो लन्दन में आराम कुर्सियों पर बैठे हुए टिनार्थ के टीन के कारख़ाने को चलाते हैं, इतनी दया करे कि यहाँ आकर इस हड़ताल में मजदूरों की दुर्दशा को अपनी आँखों से देखे–

वाइल्डर

अब तो हम आ गए हैं।