पृष्ठ:हड़ताल.djvu/१५२

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अङ्क २]
[दृश्य २
हड़ताल

[फिर मजूरों के गिरोह में हलचल मच जाता है। कुछ लोग खिसकने लगते हैं। बूढ़ा टॉमस गिरोह में मिल जाता है और सामने खड़ा होता है।]

हारनेस

[हाथ उठा कर]

ऐसे गुर्गे उन लोगों को नहीं मिल सकते। लेकिन इस से आप का कोई लाभ नहीं। आप लोग ज़रा न्याय से काम लीजिए। तुम्हारी माँगों का नतीजा यह होता कि हमें एक साथ एक दर्जन हड़तालों का सामना करना पड़ता। और हम इस के लिये तैयार न थे। 'पञ्चायत' का उद्देश्य है 'न्याय' किसी एक के लिये नहीं, सब के लिये। किसी ईमानदार आदमी से पूछो –– वह साफ़ कह देगा तुम से भूल हुई! मैं यह नहीं कहता कि तुम्हें जितना पाने का हक़ है, तुम उस से ज्यादा माँग रहे हो, लेकिन इस समय तुम ज़रूर बहुत आगे जा रहे हो। तुमने अपने लिये गड्ढा खोद लिया है। अब सवाल यह है तुम वहीं पड़े रहोगे या जोर लगाकर बाहर निकलोगे।

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