पृष्ठ:हड़ताल.djvu/२३९

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अङ्क ३]
[दृश्य १
हड़ताल


हमारा सच की ओर से आंखें बन्द कर लेना बेजा था। हमने इन आदमियों को नौकर रक्खा है, और इस अपराध से नहीं बच सकते। मर्दों की तो मुझे ज्यादा परवाह नहीं है, लेकिन मैं औरतों को इस तरह मारना नहीं चाहता। इससे तो यह कहीं अच्छा है कि मैं बोर्ड से इस्तीफ़ा दे दूँ।

[ऐंथ्वनी के सिवा और सब खड़े हो जाते हैं। ऐंथ्वनी कुर्सी की बाँह पकड़े पुत्र की ओर ताकता हुआ बैठा रहता है।]

स्केंटिलबरी

भाई जान, आप जिन शब्दों में अपने भाव प्रकट कर रहे वह मुझे पसंद नहीं।

वेंकलिन

आप हद से आगे बढ़े जा रहे हैं।

वाइल्डर

मेरा भी ऐसा ही विचार है।

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