पृष्ठ:हड़ताल.djvu/२६४

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अङ्क ३]
[दृश्य १
हड़ताल

रॉबर्ट

महाशय, अपना दुख आप अपने पास रक्खें। मगर अपने बाप को बोलने दीजिए।

हार्निस

[कागज़ का टुकड़ा हाथ में लिए हुए छोटी मेज़ के पीछे से बोलता]

रॉबर्ट! रॉबर्ट!

[ऐंथ्वनी से, आवेश के साथ]

आप क्यों नहीं जवाब देते?

हार्निस

रॉबर्ट!

रॉबर्ट

[तेज़ी से मुड़कर]

क्या बात है?

हार्निस

[गम्भीरता से]

तुम बिना प्रमाण के बातें कर रहे हो। तुम्हारे हाथ

में अब फैसला नहीं रहा।

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