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पृष्ठ:हड़ताल.djvu/६४

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अङ्क १]
[दृश्य १
हड़ताल

राबर्ट

हमारी कथा सुन लेने के बाद आप ईश्वर को धन्यवाद न देंगे, मिस्टर वाइल्डर, चाहे आप कितने ही बड़े धर्मात्मा हों। संभव है आप के लंदनी ईश्वर के पास मज़दूरों की बातें सुनने के लिए समय न हो। मैंने सुना है कि वह ईश्वर बड़ा धनवान् है, लेकिन यदि वह मेरी बात सुने तो उसे उस से कहीं ज्यादा ज्ञान होगा जितना केंसिंगटन*[] में हो सकता है।

हार्निस

देखो राबर्ट, जिस तरह तुम अपने ईश्वर को पूज्य समझते हो, वैसे ही दूसरे आदमियों के ईश्वर को भी समझो।

राबर्ट

यह ठीक है साहब, हमारा यहाँ दूसरा ही ईश्वर है। मैं समझता हूँ कि वह मिस्टर वाइल्डर के ईश्वर से भिन्न है। हेनरी टॉमस से पूछो वह बतलायेंगे कि उनका और वाइल्डर का ईश्वर एक है या दो।


  1. * केंसिंगटन-लन्दन में अमीरों का एक महल्ला।
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