[वाइल्डर, वेंकलिन और स्केंटलबरी विरोध के भाव प्रगट करते हैं और एडगार ज़मीन की तरफ ताकता है। हार्निस के चेहरे पर हलकी मुसकुराहट आ जाती है।]
अब बोलो तुम क्या कहते हो?
राबर्ट
जी हाँ ठीक है-
[इसके बाद जो कुछ होता है उसमें वह और ऐंथ्वनी एक दूसरे पर आँख जमाए रहते हैं। मज़दूर लोग और डाइरेक्टर भिन्न-भिन्न रीति से अपने छिपे हुए उद्वेग प्रगट करते हैं, मानो वे ऐसी बातें सुन रहे हैं जो वे खुद न कहते।]
मज़दूर लंदन तक जाने की सामर्थ्य नहीं रखते और उन्हें विश्वास नहीं है कि वे जो कुछ लिखकर देंगे उसे आप लोग न मानेंगे। पत्रव्यवहार का हाल भी उन्हें मालूम है।
[वह अन्डरवुड और टेंच को घूर कर देखता है।]
और डाइरेक्टरों की बैठकों का हाल भी उनसे छिपा नहीं है। "मैनेजर से कैफ़ियत तलब करो-मैनेजर से पूछा जाय, कि मज़दूरों की हालत क्या है। क्या हम उन्हें और कुछ दबा सकते हैं?"