पृष्ठ:हमारी पुत्रियाँ कैसी हों.djvu/१५५

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-- काँसे फूल के बर्तन-- गीली राख से माँजने पर कांसे या फूल के बर्तन साफ चमकदार निकल पाते हैं । राख को किसी कपड़े से बर्तन पर घिसना चाहिए । फिर खद्दर के टुकड़े से घिस कर पोंछ देना चाहिए । पीतल- बालू और राख से घिसकर साफ किए जा सकते हैं। यदि धब्बे पड़ गये हों तो नीबू के छिलकों में नमक भरकर मलने. से साफ हो जावेंगे। तांबे के बर्तन- ये पीतल के बर्तनों की भाँति साफ किए जा सकते हैं। यदि मैल अधिक जम गया हो तो श्राध सेर पानी के पीछे १ चम्मच कास्टिक सोडा डाल कर खूब उबालो । यदि ताँबे के बर्तनों में बहुत ही जंग लग गया हो तो श्राकसलिक एसिड पानी में मिला कर उसमें बर्तन डाल दो, फिर माँज डालो । साफ हो जायेंगे। जस्ते के बर्तन-- सिरके में जरा-सा कपड़ा धोने का सोडा अथवा चूना मिला कर यदि जस्ते के बर्तन साफ किए जायं तो वे खूब स्वच्छ हो जाते हैं । लोहे के बर्तन- सिर्फ राख-बालू से भी साफ हो जाते हैं, परन्तु यदि उन्हें जंग से बचा कर रखना है तो चूना पोत कर रख छोड़ना चाहिए । इससे महीनों वे जंग से बचे रहेंगे। साधारण टब या बाल्टियों में जो चिकनाहट जमा हो जाती हैं उसके साफ करने के लिए खौलते पानी में सोडा मिला कर धोना चाहिए। चीनी के बर्तन-- चीनी के बर्तन बहुधा अधिक टूटते हैं, इस को टिकाऊ..