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पृष्ठ:हमारी पुत्रियां कैसी हों.djvu/१०३

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चीनी मिला दही- पित्त, दाह, प्यास को शान्त करता और तृप्ति का है। गुड़ मिला दही- . धातु वर्द्धक, भारी और बात नाशक है। दही का तोर-- दस्तावर, गर्म, बवासीर, कब्ज और शूल, दमा को नाश करता है। दही की मलाई... दस्तावर, भारी, वीर्य वर्द्धक और अग्नि मन्द करने वाली है रायता- दही में नमक, मिर्च, जीरा, पोदीना, आदि मसाला और कद्दू-गाजर-बथुप्रा आदि डाल कर जो रायता बनाते हैं, वह पाचक, रुचि कारक और हृदय को हितकारी है। रसाला- दही मीठा १ सेर, १ पाव बताशा डाल कर मथं लो, पीछे १ पाव कच्चा दूध मिलायो, थोड़ी इलायची बड़ी और मिश्री डालो बर्फ में ठण्डा करके ज्येष्ठ-वैशाख की दुपहरी में पीओ। थके- मांदे मिहमान को दो, तारीफ व्यर्थ है-गुण देख लेना। वैज्ञानिक दृष्टि से दही आयु को बढ़ाने वाला सिद्ध हुआ है, भारत में तो चिर काल से दही खाया जाता है, और इसकी प्रशंसा में बड़े-बड़े लेख लिखे गए हैं । दही भोजन के अन्त में कदापि न खाना चाहिए। ?