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पृष्ठ:हमारी पुत्रियां कैसी हों.djvu/११२

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और वीच का डन्ठल निकाल कर छोटे-छोटे कतले कर लो। फिर पतीली में उपयुक्त घी चढ़ा कर २ माशा सफेद जीरे का बघार दे गाजर डाल दो ऊपर से नमक, मिर्च तथा पाव भर दही डाल कर चला दो जव भली भांति गल जायँ तव चार माशा धनिया,पिसा और भुना गर्म मसाला छोड़ कर फिर चला दो और ५ मिनट बाद कलई के बर्तन में उतार लो। ध्यान रक्खो कि गाजर की तरकारी लोहे के बर्तन में न पकाओ, वरना काली पड़ जायगी।' क्योंकि इसमें लोहे का अंश होता है। पर्वल- यह शाक रोगियों के लिए सुपथ्य, गुणकारी और स्वादिष्ट है । यह शाक आलू ही की भांति, आलू ही के मसाले से बनाया जाता है। इसमें बहुधा आलू डाल कर ही बनाते हैं। पर कभी- कभी अकेला भी बनाया जाता है। परवल की एक खास प्रकार की तरकारी बंगाली अमीर लोग खास-खास मौकों पर बनाते हैं। वह बड़ी स्वादिष्ट होती है और जब किसी महमान की खातिर मंजूर है तभी वह वनाई जाती है। इसकी विधि यह है कि एक सेर परवल को खुरच कर पाव भर आलू छील कतर-कर उसमें मिला ले। पाव भर मीठा दही, ६ माशा हल्दी, १ तोला धनियां, २ माशा मिर्च लाल, चार माशे तेज पात, १ माशा लोंग, १ माशा दारचीनी, ४ माशा बड़ी इलायची, १॥ माशा जीरा, १ माशा सफ़ेद जीरा, १ रत्ती हींग, पैसे भर अदरख, आधा. पाव किशमिश, डेढ़ तोला नमक, पाव भर घी, आधी छटाक अमचूर और १ तोला चीनी, सवका संग्रह कर पास रखो। हींग, चार पत्ते तेजपात, चार रत्ती स्याह ज़ीरा, इनको १००