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पृष्ठ:हमारी पुत्रियां कैसी हों.djvu/१७९

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सुन्दरता की दृष्टि से बहुधा ऐसे लोटों और. सुराहियों का इस्तेमाल किया जाता है जिनका पेट तो चौड़ा होता है परन्तु मुख बहुत ही तंग होता है । और उसके भीतर हाथ डाल कर उसकी सफाई करनी 'असम्भव होती है। भीतर धीरे-धीरे लुमावदार मैल जमा होता रहता है। और वह स्वास्थ्य पर बहुत बुरा प्रभाव डालता है। बर्तन माँजने में स्वच्छता का पूरा ध्यान रखना चाहिए । पर नौकरानियाँ स्वच्छता का बहुत कम ध्यान रखती हैं। इस पर कड़ी नज़र रखनी चाहिए। भिन्न-भिन्न धातुओं के वर्तन साफ करने की विधि यह है। चीनी के वर्तन- प्रथम गर्म पानी में डाल कर धोलो। पीछे सुखा कर उन पर. साफ चूने का लेप कर दो। फिर साफ फलालेन से रगड़ कर पोंछ लो। वे चमकने लगेंगे, यदि उन पर नक्काशी हो तो त्रुश या कूची को काम में लाओ। आलू के पानी में धोने से भी चॉदी के वर्तन चमक उठते हैं। काँसे फूल के बर्तन गीली राख से माँजने पर साफ चमकदार निकल पाते हैं। राख को किसी कपड़े से वर्तन पर घिसना चाहिए। फिर खद्दर के टुकड़े से सूखी राख उन पर घिस कर पोंछ देना चाहिए। पीतल के वर्तन- वालू और राख से घिस कर साफ किए जा सकते हैं। यदि धब्बे पड़ गए हों तो नीबू के छिलकों में नमक भर कर मलने से साफ़ हो जायेंगे।