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पृष्ठ:हमारी पुत्रियां कैसी हों.djvu/२९

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कपड़ों के बाद सिर की सम्भाल है। सलीक़े वाली लड़कियों को दिन में तीन चार बार अपने हाथ से अपने बालों को सम्हालना चाहिए। बालों को कन्घा करने से बाल मज़बूत, सुन्दर और घुँघरवाले होते हैं उनकी जड़ में मैल नहीं जमता, जूँ नहीं पड़ती। जिन लड़कियों के बाल साफ बंधे हुए होते हैं वें बड़ी सुन्दर मालूम होती हैं। भूतनी की भांति सिर खोले फिरना लड़कियों के लिए सर्वथा अयोग्य और अशुभ है। माताओं को चाहिए कि वे उन्हें अपने हाथों से सिर करने और जुड़ा बांधने की आदत डालें। सिर में डोरे बाँधना, कसकर सिर बाँधना, कसकर मैडियाँ गूँथना ठीक नहीं। सादा पिनों के द्वारा बालों को अटकाए रखना उत्तम है। उठना बैठना दूसरा सलीका है। लड़कियों को सदैव इस बात की शिक्षा देनी चाहिए कि वे कब किस भाँति उठें, बैठे,

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