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पृष्ठ:हमारी पुत्रियां कैसी हों.djvu/९१

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मूंग की पकौड़ी- हल्की और शीतल है। कढ़ी- पाचक, दीपन, रुचि वर्द्धक, कफ और बादीके विवन्ध को नाशक, कुछ-कुछ पित्त को बढ़ती है। मठरी- भारी, किन्तु वीर्य वर्द्धक है। गूंझा- उपरोक्त गुण युक्त, किन्तु हीन । फेनी-- हल्की और पुष्टिकर हैं। सेव- दुर्जर होते हैं। बूंदी के लड्डू- वलकर्ता, काबिज और स्वर में हितकारी हैं। जलेबी- पुष्टि, कान्ति, वल, धातु आदि को बढ़ाने वाली अत्यन्त स्त्री प्रसङ्ग से निर्वल पुरुष को तत्काल फायदा करेगी।- ७६