पृष्ठ:हस्तलिखित हिंदी पुस्तकों का संक्षिप्त विवरण.pdf/६६

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753* गंगा माटा-शब गिध एत, नि... शाकिरिमोर गुदमाशाह कपभोर २६ मि.40 18, पि० पृष्ठ पर पधाधितो सह कमाम पर माया। गगाप्रयता की कथा । (६ मारक.मदो कपरवीनारप०(घ-५)'

  1. मा पि. पुस्तम नाम म प्रगट हाला) गनसिा-नापप्प, या 10 TITH पर्ने

माम, पिता या भाम शिवप्रयाय । गंगामगाट (दैनिपा)---Han म. क.जगमग जगमान, मम मा निमा गासाग-मदर एन निकास मिराभिशा मरीमति का मं0 EVER सप पर५०(-०५) हाचिषारोप और उनकी विwिar | गंगाम-निगपारी र पिता (म-६४) To (9-2-2) गंगाराम-इन विषय में कपमा महो। गमराम--समागम मियाची १००३ सा सिंहासोमी ५०(प-६) मग पममाना गमाराम--मानदीप मिसाटो RO Int गुलर (प) जगमग परमान। शाम-महीप दे० (-1) गम विलास-गापरत कथि एन, पिदापी के गंगागम-ENTRA anम, साँगा रोग नारी चिरिण।१०(१-३) मर (जयपुर) महागा रामसिंह गमसिा-जायपुर रश महारास अपयनसिंह फपिता दीर भोर युग्मक युद्ध में ममा पुषण दे० (-1) महानार को महापता की धार THA पगागय—मा पिप में पूछमी माल माही। गौमामिद सिमादिया का वध किया मक सीरिराम चरित (ज-) में गहरी पैठ कवि शाम, पाण गयाराम-मानिक मिभ पात्रणा यी नियामी माइरिवास पारहट ना_माभिरा ये। प. सामान मिपके पिना, 8010४४ प पूर्व (मरण(म-२०) (-10) बर्तमान।०(-२) गनसिंह महाराम जी का पूणरूप: पप-- गंगालग-मार मास वि० गगाडी पेशवास पाना मं०११ बर्तन और रामस्नुति इमरी पति कानि. HिOTORO-पि० महाराज सिंह •सा80120(:-२.पी) पापा । दे०(ग-२०) गगाटा-मग राप्रमाद - गिगाही गमेंट-मोरगांमार मालिका. म. की भूमि १० (-1) २६.पि सम्रा प्रभा भनुपादित गड गंजन--ri-11 मा यतमान पाप राप्राहम छुटकारा । दे०(2-40) गरम THIAN गृहम्मद मिल गएपनि प्य गरी तण-दरियण राय 4