पृष्ठ:हिंदी कोविद रत्नमाला भाग 1.djvu/१७८

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मालवीय जी एक सादे मिजाज और सादी रहन सहन के व्यक्ति है भीर पड़े मिलनसार और सरित पुरुष हैं । आप इस प्रांत के प्रधान राजनैतिक पुरुषों में से हैं और अपना बहुत कुछ समय देश सेवा में लगाते हैं। आप सनातन हिंदू धर्म को हृदय से मानते और उसकी उन्नति में तन मन से दत्तचित्त रहते हैं। आप ने प्रयाग में एक सनातन धर्म सभा स्थापित की है जिसका प्रति. वर्ष माघ मेले के अवसर पर त्रिवेणी के तट वृहदधिवेशन होता है। परंतु इसके साथ हो आप सामाजिक कुरीतियों को दूर करने के भी पूरे पक्षपाती हैं। आपके उद्योग से प्रयाग में एक बड़ा सुंदर हिंदू वोडिंग हाउस बना है। आप लाट साहिव की कौंसिल के सभासद् हैं और देशवासियों के पक्ष-समर्थन में सदा दचचिन रहते हैं।