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हैं।बड़ी वहिन ने मो मर्म र नितादिनी नामम
मासिक र निहाला
ठाकुर गदाधर सिंह का सीमा प्रशस जापान पुर पर है
जादो भागों में पानी में पविरोभायडे ही
मनोरंजक मार उत्पाद-पयंक हैं और जगह जगह पर मोटी चुट-
किया लेनागी मानो हक हिस्से में है।
प्रापका स्यमाय ही पड़ा मिलनसार र नम्र पार देश
सेया का रंग तो मानों नस नस में रंगा हुआ है।