पृष्ठ:हिंदी निबंधमाला भाग 1.djvu/९१

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ऊर्द्धजरती बुढ़ियों की बातचीत का मुख्य प्रकरण बहू-

बेटीवाली हुई तो अपनी बहुओं या बेटों का गिल्ला शिकवा होगा या बिरादराने का कोई ऐसा रामरसरा छेड़ बैठेगो कि बात करते करते अंत में खोढ़े दाँत निकाल लड़ने लगेंगी। लड़कों की बातचीत खिलाड़ी हुए तो अपनी अपनी आवारगी की तारीफ करने के बाद कोई ऐसी सलाह गाँठेंगे जिसमें उनको अपनी शैतानी जाहिर करने का पूरा मौका मिले । स्कूल के लड़कों की बातचीत का उद्देश्य अपने उस्ताद की शिकायत या तारीफ या अपने सहपाठियों में किसी के गुन-ौगुन का कथोपकथन होता है। पढ़ने में तेज हुआ तो कभी अपने मुकाबले दूसरे को फौकोयत न देगा। सुस्त और बोदा हुआ तो दबी बिल्ली का सा स्कूल भर को अपना गुरु ही मानेगा। अलावा इसके बातचीत की और बहुत सी किस्में हैं। काज की बात, व्यापार-संबंधी बातचीत, दो मित्रों में प्रेमालाप इत्यादि । हमारे देश में नीच जाति के लोगों में बतकही होती है। लड़की लड़केवाले की ओर से एक एक आदमी बिच- वई होकर दोनों के विवाह-संबंध की कुछ बातचीत करते हैं। उस दिन से बिरादरीवालों को जाहिर कर दिया जाता है कि अमुक की लड़की का अमुक के लड़के के साथ विवाह पक्का हो गया और यह रसम बड़े उत्सव के साथ की जाती है एक चंडूखाने की बातचीत होती है, इत्यादि सब बात करने के अनेक प्रकार और ढंग हैं।