इङ्गितज्ञ (सं० त्रि०) इङ्गितं जानातीति, इङ्गित-ज्ञा कर्तरि कः। सङ्केत समझनेवाला, जो इशारेको पहचानता हो।
इङ्गु (सं० पु०) इङ्गति कम्पते येन, इगि बाहुलकात् उण्। रोग, जिस्मको हिला देनेवाली बीमारी।
इङ्गुद (सं० पु०) इङ्गु रोगं द्यति, इङ्ग-दो कर्तरि कः। १ तापसवृक्ष, हिंगोट का पेड़। २ ज्योतिष्मती लता, मालकंगनी का दरख़्त। यह मदगन्धि, कटु, उष्ण, फेनिल, लघु, रसायन और कृमि-वात-कफ-व्रणघ्न होता है। (राजनिघण्टु) इङ्गुद कुष्ठ, भूतग्रह, व्रण, विष एवं कृमिको खोता और उष्ण, श्वित्र एवं शूलघ्न, तिक्त तथा कटु होता है। (भावप्रकाश) इसका पुष्प मधुर, स्निग्ध, उष्ण तथा तिक्त लगता और उसके सेवनसे वात एवं कफ भगता है। (वैद्यकनिघण्ठु) फल स्निग्ध, उष्ण, तिक्त, मधुर और वातश्लेष्मघ्न है।(सु श्रुत)
इङ्गुदी (सं० स्त्री०) इङ्गुद देखो।
इङ्गुदीक्षार (सं० पु०) इङ्गुद वृक्षका क्षार, हिंगोटका नमक।
इङ्गुदीतैल (सं० क्ली०) इङ्गुदी फलोत्थ तैल, हिंगोट का तेल। यह स्निग्ध, मधुर, पित्तघ्न, शीतल, बल्य, कान्तिद, श्लेष्मल और केशवर्धन होता है । (राजनिघण्टु) पहले मनि लोग प्रस्तरादिसे तोड़ फल का तैल व्यवहार करते थे।
इङ्गुर, ईंगुर देखो।
इङ्गुल, इङ्गुद देखो।
इङ्गुली (सं० स्त्री०) इङ्गुद देखो।
इङ्ग्च (सं० त्रि०) इगि-यत्। गमनयोग्य, चल सकनेवाला। प्रातिशाख्यमें इङ्ग्च उस शब्द अथवा समासान्त पदके उस अंशके लिये आता, जो किसी व्याकरण सम्बन्धी कार्यको अपने पूर्व भागसे पृथक् किया जा सकता है। पदपाठ में इङ्ग्च शब्द अवग्रह से विभक्त होता है।
इङ्ग्रेज (सं० पु०) इङ्गलेण्ड देशजात लोक सकल, अंगरेज़, इङ्गलिस्थान में पैदा होनेवाला शख़्स।
"पूर्वाम्चाये नवशतं षडशीतिः प्रकीर्तिता।
फिरङ्गभाषया मन्त्रास्तेषां संसाधनात् कलौ॥"
Vol. III.4
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अधिपा मण्डलानाञ्च संग्रामेष्वपराजिताः।
इङ्ग्रेजा नव षट् पञ्च लण्ड्रजाश्चापि भाविनः॥"
इचक-हज़ारीबाग जिलेका एक नगर। यह अक्षा० २४° ५ २४ उ० और ट्राधि० ८५° २८ २३ पू०पर अवस्थित है। इसमें एक गढ़ या क़िला बना, जिसमें बहुत दिन तक रायगढ़के राजाका परिवार रहा है। स्थान विचित्र है।
इचकना (हिं० क्रि०) क्रोधसे दांत देखाना, खीस काढ़ना।
इचकिल (सं० पु०) तड़ाग, तालाब, चहला।
इचावर-मध्यभारतके भूपाल राज्यका एक परगना और सहर। यह एक फ्रान्सीसी महिला को जागीर में मिला था। वार्षिक आय प्रायः पौन लाख है। कुछ ईसायी भी इचावर में रहते हैं।
इचौली-युक्तप्रान्त के बाराबङ्की जिले का एक नगर। यह अक्षा० २६° ५८ उ० और ट्राधि ८१° ३७ पू०पर बाराबङ्की नगर से साढ़े बारह कोस पूर्व-उत्तर अवस्थित है। महमूद गजनवी ने भर-सरदार भगा इचौली नगर अपने सेनापतियों को जागीरमें दे दिया था। उन्होंने भरों का क़िला तोड़ा और अपने अनुयायियों का दल जोड़ा। आसफ़-उद दौला के प्रधानमन्त्री महाराज टिकाइतराय ने इसी नगर में जन्म लिया था। उनका बनवायाँ पक्का तड़ाग अभी विद्यमान है। पुराने जागीरदारों का अधिकार उठा नहीं।
इच्छक (सं० पु०) इच्छा अस्ति अस्मिन्निति, मत्वर्थीय अच् ततः कप स्वार्थे कन् वा। १ जग्बीर वृक्ष, तुरञ्जका दरख़्त, बिजौरे का पेड़। २ इच्छायुक्त व्यक्ति, चाहनेवाला शख़्स। ३ प्रश्न, सवाल। (त्रि०) ४ अभिलाषी, ख़ाहिशमन्द, चाहनेवाला।
इच्छत् (सं० त्रि०) इच्छायुक्त, ख़ाहिशमन्द, चाहनेवाला।
इच्छता (हिं० स्त्री०) अभिलाष, ख़ाहिश, चाह।
इच्छत्व (सं० क्ली०) इच्छता देखो।
इच्छना (हिं० क्रि०) इच्छा रखना, ख़ाहिश करना, चाहना।
इच्छा (सं० स्त्री०) इष्-भावे श-टाप्। १ मनका
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