पृष्ठ:हिंदी विश्वकोष भाग ३.djvu/३७९

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उमेद-उम्मर अंगरेज सरकार और गायकवाडको कर देना पडता। वह बहुत अच्छो इमारत रही। जो तोपों के चढा- है। उमेत दो भागोंमें विभक्त है। उससे ५ ग्रामोंका नेका जपर स्थान था। एक कोस दक्षिण धेरी गांव एक भाग अंगरेजी राज्यके खेड़ा और दूसरा ग्रामोंका है। वहां १८५६ ई० में नवाजबाई नामी एक भाग रेवाकांठे जिले में पड़ता है। पारसी रमणीने अग्निमन्दिर बनवाया था। फिर १८३८ उमेद कवि-एक पश्चिमभारतके कवि। इनके 'नखसिख' ! ईको पारसी लोगोंने चन्दा करके एक शान्तिभवन को लोग बड़ी प्रशंसा करते हैं। यह शाहजहांपुरके भी खोला था। पारसियों को पञ्चायत एक स्कूल पास किसी गांवमें रहते थे। चलाती है, जिसमें जन्द अवस्थाको शिक्षा दी जाती है। उमलना (हिं. क्रि०) उन्मीलन करना, खोलना, बताना। उम्बरा-बबई प्रान्तका एक ग्राम। आजकल इसे. उमेश (सं० पु०) उमाके पति, शिव । उमरा कहते हैं। १८१४ ई में राष्ट्रकूट-नृपति उम्दतुल उमरा-कर्णाटकके नवाब मुहम्मद अली इन्द्र नित्यवषने इसे उत्सर्ग किया है। उक्त विषय खान के ज्येष्ठ पुत्र । १७९५ ई० में इन्हें अपने पिताका | नवसारीके ताम्रफलकों में लिखा है। राज्य मिला था। किन्तु १८०१ ई०को १५वौं जुलाई- उम्बिका, उम्बौ देखी। को यह चल बसे। इनको मृत्यु के बाद कर्णाटकका उम्बो (सं० स्त्री०) उम्-बा-क गौरादित्वात् डोष । शासनभार लेनेको अंगरेजोंने चेष्टा लगायौ थी। १ यमानी, अजवायन। २ अधपक्क एवं टणके अनलसे किन्तु इनके उत्तराधिकारी अलीहुसेन अंगरेजोंके संभृष्ट यव तथा गोधूमको मञ्जरी, गादा। प्रस्तावपर सम्मत न हुये। उम्दत्के भ्रातुष्य त्र अजी- उम्मजमौल-हर्बको सुता, अबू मुफियांकी भगिनी मुद्दौलाको राजी होनेपर अंगरेजोंने नवाब बना दिया। और अवूलहबको पत्नी। इनके पति मुहम्मदसे घणा उम्दतुल मुल्क-नवाब अमीर खान्का एक खिताब। रखते थे। इन्होंने उसी घणाको उत्तेजित किया। उम्या, उम्पिका देखो। इसीसे कुरान्में पति और पत्नी दोनोंके विरुद्ध एक उम्पिका (सं० स्त्री०) शालिधान्य विशेष, किसौ | आपत्ति आयो है। . किस्मका चावल। यह मधुर, स्निग्ध, सुगन्ध, कषाय, उम्म मकरौ-एक प्रधान मुसलमान साधु । इन्होंने रूक्ष और वात, पित्त तथा कफको नाश करनेवाली है। गृजनौमें जन्म लिया था। यह अपने तपोबलसे (राजनिघण्ट) बहुत प्रसिद्ध हुये। सुलतान् मुहम्मद प्रायः इनसे उम्बर (स'• पु०) उम्-व-अच्। १ देहली, चौखट ।। परामर्श लेने जाते और सम्मानार्थ कभी सामने प्रासन २ एक गन्धर्व। ३ उदुम्बर वृक्ष, गूलरका पड़। न लगाते थे। १०००ई०के समय यह विद्यमान रहे । उम्बर गांव-बम्बई प्रदेशके थाने ज़िलेका एक बन्दर। उम्म सलमा-अबू उमय्यको कन्या और मुहम्मदको . यह अक्षा• २०° ११५५” उ. और ट्राधि० ७२. पत्नी। यह मुहम्मदको सब पत्नीयोंसे पोछे ६७८ ४१४० पू० पर अवस्थित है। बम्बई प्रदेशके नाना ई में मरी थीं। स्थानोंसे यहां माल आया-जाया करता है। उम्पट (हिं. पु०) देशविशेष, एक मुल्क। यह उम्बर गांव-बम्बई प्रान्तके थाने जिलेका एक ग्राम। मालवे में पड़ता है। यह दहानु तहसीलमें लगता और वैवजी रेलवेष्टे शनसे उम्मत (अ० स्त्रो०) धार्मिक सम्प्रदाय विशेष, एक २ कोस पडता है। उम्बरगांवसे वेवजी तक पक्की मजहबी फिरका। सड़क बनी है। यहां कचहरी, पुलिस, डाक और उम्मती (अ.वि.) धार्मिक सम्प्रदायभुक्त, किसी समुन्दरी चुङ्गोका दफतर है। यात्रियोंके टिकनेका मजहबी फिरके में मिला हुआ। अविश्वासी या बंगला और लड़कोंके पढ़नेका स्कूल भी वर्तमान है। नास्तिकको ‘लाउंम्मती' कहते हैं। दचिण किनारे पोतगीज बुर्ज खड़ा है। १८१८ई में उम्पर (हिं.) उस देखो।