७५२ कन्धजाति-कम्बमहल खा डालेंगे। हम आपका श्राद्ध भली भांति करेंगे। प्रधान इससे उनके वशीभूत हो गये। सुतरां उन्होंने वखिके छटपटानेसे कहा जाता था-अपराधम भी सुविधा देख इन्हें किसी प्रकार दोषी ठहराया लगायिये, हम इसी लिये पापको खरीद लाये है। म था। केवल वलिपात्र संग्रह और विक्रय करने- मस्तक काट शरीरको भूमिमें गाड़ देते। मुण्ड वालों पर हो कठिन शास्ति चलानका प्रबन्ध हुवा । कसी: खटे पर खटकाया जाता था। गुमसर, इसीसे इस निष्ठर प्रथाका सूल कटा था। .बौद, चिवाकेनेडी, जयपुर, पटने और कालाहांडी ___ माकफास मने इनके मध्य जातिगत विवाद मिटा प्रदेश इसी प्रकार वलि चढ़ता। परस्पर सद्भाव स्थापन किया। उन्होंने ही अर्थके कन्धोंको स्वजातीय स्त्री बड़ी मुश्किल से मिलती व्यवहार चलाने, मार्ग बनाने तथा अल्प-अप विक्रय- है। अधिक मूल्य लगा खरीदनेसे यह कन्या प्रथा फैलानेका नियम निकाला था। सन्तानको प्रति घृणा करते हैं। पहले कन्धमहलके आजकल कन्ध अंगरेजोंके अधीन रहते हैं। यह मध्य प्रदेशवाले लोग कन्याको मार अन्यान्य स्थानोंसे किसौको कोई कर नहीं देते। अंगरेनों की ओरसे पत्नो ले पाते थे। लोग कहते-कन्या सन्तानको एक थानेदार पुलिसके सिपाही साथ रख केवल मार डालनेसे गृहस्थका. मङ्गल होता है। फिर शान्तिरक्षा करते हैं। प्रत्येक विभागमें, इनका पुत्र सन्तानकी संख्या बढ़तो और विदेशीय स्त्रोसे पूर्वतन राजबंश ही राजत्व चलाता है। दून राजावों को विवाह करनेपर जातीय बलवीर्य की कमी नहीं सकल प्रकार विचारादि भी करना पड़ता है। यह पड़ती।' झुमके, कपट, रायगड़ प्रभृति स्थानों में | इस प्रदेशमें करद राजावोंके सुपरिण्टेण्डेण्टके अधीन स प्रथा चलती थी। कन्या उत्पन्न होनेसे दैवज्ञ रहते हैं। कन्ध कुछ कुछ कर दिया करते हैं। किन्तु पा भावी शुभाशुभ निर्णय करते। शुभ न मिकलनेसे वह अति सामान्य पड़ता है। १८ राज्योंसे केवल कन्याको भूमिमें गाड़ एक पची वलि देते थे। ८५ हजार रुपया सरकारको मिलता है। १८६३ ई०को गुमसरराजका अधःपतन होनेपर | कन्धमहल-उड़ोमेके १९ करद राज्यों में बौदराज्यका अंगरेज घुस पड़े। लेफटीनेण्ट माक फासमने कौशलसे दक्षिण-विभाग । सो स्थानमें कन्धों की संख्या नरवलि और कन्याहत्याको प्रथा उठायो। प्रथम अधिक है। कन्धमहलको छोड़ बौद राज्यके अन्य बौद प्रदेशके राजापर उता भार डाला गया। अंश और दशपना, नयागढ़ प्रभृति राज्यमें भी कन्ध इस समन्वमें, आन्दोलन चलता था। शेषको रहते हैं। यह बड़े सरल होते है। इन्हें शिकार सरदारीने मिज निज ग्रामके सञ्चित बलि अंगरेजों- करना बहुत पच्छा खगता है। भली भांति मित्र- के हाथ सौंप कहा, 'हम यह प्रथा न छोड़ेंगे। जुल कर रुदेवालोंसे इनकी ख ब पटती है। किसी फिर भो मतन सम्राटको इन्हें सर्वापेक्षा उत्कृष्ट | सामाजिक विषयमें हाथ डालनेसे कन्ध बहुत . सामग्रीको भांति उपहार दिया है।' अंगरेजोंने चिढ़ते हैं। एक जातिके निकट ऐसा फल पा अपर जातिके साथ ___ इस प्रदेशमें कन्ध व्यतीत डोमना नामक दूसरी भी इसी प्रकार प्रबन्ध बांधा था। अवशेषको उन्होंने श्रेणीको पार्वत्य जाति भी रहती है। साधारणतः यह नियम छोड क्रमशः अल्प अल्प बल देखाया वही इनके पुरोहितका कार्य करते हैं। किसी और इस प्रथाको उठाया। माकफासनने प्रथमतः कन्धके व्याघ कटक विनष्ट होने पर उसका परिवार इन्हें बमुभावसे मिला और कौशलसे जातिगत जातिसे निकाल दिया जाता है। किन्तु डोमना विवाद मिटा समझाया था-'हम अपने साभके पुरोहित पच्छा करनेसे समस्त विषयादिले उन्हें फिर
- लिये कुछ नहीं करते। केवल यही खोजते हैं जातिमें मिला सकते हैं।
तुम बोगोंका उपकार कैसे होगा। सरदार और कम्बमहल केवच वन्धुर उत्कष्ट भूमि है। द्र