पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग ३.pdf/१२

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वंदन पा० सा०सि० पाश्चात्य साहित्यालोचन के सिद्धांत, लीलाधर बंगालः बंगाल का काल. हरिवंश राय बच्चन, भारती गुप्त, हिंदुस्तानी एकेडमी, इलाहाबाद, प्र० सं०, 'भंडार, इलाहाबाद,प्र०सं०, १६४६ ई. १९५२ ई० ... बाँकी०प्र०, . बाँकीदास प्रथावली [तीन भाग], संपा० राम- पिंजरे पिंजरे की उड़ान, यशपाल, विप्लव कार्यालय, चौकीदास. नारायण दूगड़, ना० प्र० सभा, काशी,प्रखं० लखनऊ, १६४६ ई० बंदनवार, देवेंद्र सत्यार्थी, प्रगति प्रकाशन, पू० म०भा० . पूर्वमध्यकालीन भारत, वासुदेव उपाध्याय दिल्ली, १६४६ ई. भारती-भंडार, लीडर प्रस, इलाहावाद, प्र० बव० बदमाश दर्पण, तेगबली, भारतजीवन प्रेस, सं०, २००६ वि. बनारस,प्र० सं० . . . पृ० रा० . पृथ्वीराज रासो [५ खंड], संपा० मोहनलाल वांगेदरा वांगेदरा विष्णलाल पंडया, श्यामसुंदर दास, ना०प्र० किमान विल्लेसुर बकरिहा, निराला, युगमंदिर, उन्नाव सभा, काशी, प्र०सं० पृ० रा० (उ०) . पृथ्वीराज रासो [४ खंड , सं० कविराज मोहनसिंह, साहित्य संस्थान, राजस्थान विश्व विहारी र० . विहारी रत्नाकर, संपा० जगन्नाथदास 'रना- कर', गंगा ग्रंथकार, लखनऊ, प्र० सं० 'विद्यापीठ, उदयपुर, प्र० सं० पोद्दार अभि० ० पोदार अभिनंदन पं०, संपा० वासुदेवशरण विहारी (शब्द०) कवि बिहारी अग्रवाल, अखिल भारतीय ब्रज साहित्यमंडल, बी० रासो० वीसलदेव रासो, संपा० सत्यजीवन वर्मा, ना. मयुरा, सं० २०१०वि० . प्र० सभा०, काशी, प्र० सं० बीसल० रास बीसलदेव रास, संपा० मागप्रसाद गुप्त, प्र०सं० प्रताप ... प्रतापनारायण मिश्र ग्रंथावली. 'संपाविजय शंकर मल्ल, ना० प्र० समा, वाराणसी, वी० श० महा० बीसवीं शताब्दी के महाकाव्य, डा० प्रतिपाल- प्र०सं० सिंह मोरिएंटल : चुकडिपो, देहली; प्र० सं० प्रताप (शब्द) • प्रतापनारायण मिश्र .. ." बुद्धःच्० - वुद्धचरित, रामचंद्र शुक्ल, ना० प्र० सभा, प्रबंध प्रबंधपद्म, 'निराला', गंगा पुस्तकमाला, वाराणसी,प्र०सं० लखनऊ, प्र० सं० वृहत - वृहत्संहिता प्रमावती प्रभावती, : 'निराला, सरस्वती भंडार, वृहत्संहिता (शब्द०) वृहत्संहिता लखनक, १० सं० बेनी (शब्द०) कवि वेनी प्रवीन । प्राण प्राणसं गली, संपा० संत संपूरणसिंह, वेल- वेला वेला, “निराला', हिंदुस्तानी पब्लिकेशंस, वेडियर प्रस, इलाहाबाद, प्र०सं० इलाहाबाद,प्र० सं० प्रा०भा०प० प्राचीन भारतीय परंपरा और इतिहास, डा० लि. वेलि क्रिसन रुक्मिणी री; सं० ठाकुर रामसिंह, रांगेय राघव, आत्माराम ऐंड संस, दिल्ली, प्र० हिंदुस्तानी एकेडमी, • इलाबाद..प्र०सं० सं०,१०५३ ई० १९३१ ई०. प्रिय० प्रियप्रवास, अयोध्यासिंह उपाध्याय 'हरिऔध', ब्रज अजविलास, संपा० श्रीकृष्णदास, लक्ष्मी बैंक- हिंदी साहित्य कुटीर, बनारस, षष्ठ सं०

. .. टेश्वर प्रेस, बंबई, तु० सं०

प्रिया० (शब्द०) प्रियादान ग्रज . . व्रजनिधि ग्रंथावली, संपा० पुरोहित हरिनारायण प्रम० प्र मपथिक, जयशंकर . प्रसाद, भारती भंडार, ... शर्मा, ना०प्र० सभा, काशी, प्र०सं० . लीडर प्रेस, प्रयाग, तृ० सं० । व्रजमापुरी० . ब्रजमाधुरी सार, संपा०, वियोगी हरि, हिंदी प्रेम और गोर्की प्रेमचंद मौर गोर्की, संपा० शचीरानी गुर्ट, ...:: साहित्य संमेलन, प्रयाग, तृ० सं० . . . . राजकमख प्रकाशन लि., बंबई, १९५५ ई० भक्तमाल (प्रि०) ..भक्तमाल, टीका० प्रियादास, वेंकटेश्वर प्रेम प्रेमघन० . प्रेमघन सर्वस्व, हिंदी साहित्य संमेलन, प्रयाग, ..... . बंबई, १९५३ . वि० . . प्र०सं०, १९६६ वि०. भक्तमाल (श्री०) भक्तमाल, श्री भक्तिसुधाविदु स्वाद, टीका प्रे० सा० (शब्द०) प्रेमसागर । सीतारामशरण, नवलकिशोर प्रेस, लखनऊ, ___ प्रेमांजलि, ठा० गोपालशरण सिंह, इंडियन द्वि० सं० १६८३ वि० - प्रस.लि०, प्रयाग, १९५३ ई०... भक्ति भक्तिसागरादि, स्वामीचरण, वेंकटेश्वर प्रेस, ...फिसाना० फिसाना ए आजाद.[चार भाग], पं. रतननाथ .." " दंबई, संवत् १९६० वि० ....... । 'सरशार', नवलकिशोर प्रेस, लखनक, चतुर्थ सं० भक्ति प० भक्ति पदार्थ वर्णन, स्वामी चरणदान, वेंकटे. फूलों का कुर्ता, यशपाल, विप्लव कार्यालय, लखनऊ, प्र०सं० भगवतरसिक (शब्द०) भगवत रसिक-:.: श्वर प्रेस, बंबई, संवत् १९६०