पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग ३.pdf/८१

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खाल . खालो. खाल:- संज्ञा स्त्री० [सं० खात, अ० खाली] १.नीची भूमि । २. खाड़ी जैसे, (क) जंगल जानवरों से खाली हो गया। (ख) हमारा खलीज । ३. खाली जगह । सरकाश । ४. गहराई । निचाई। मकान खाली कर दो। खाल--संज्ञा पुं० [अ० खाल] १. शरीर का काला दाग । तिल । महा०-हाथ खाली होना, खाली हाथ होना=(१) हाथ या । उ.- अंदाज से जियादा निपट नाज खुश नहीं है जो साल - मुट्ठी में रुपया पैसा न होना । अकिंचन या निधन होना। अपने हद से बढ़ा सो मसा हा। कविता कौ०, भा०४, खुक्स होना । जैसे-माई आजकल हमारा हाथ खाली है; . पृ० १२ १२. अभिमान । अहंकार । गरूर (को०)। ३. माता का भाई। मामा (को०)। ' हम कुछ नहीं दे सकते। (२) हाथ में कोई हथियार न खाल खाल-वि० [अ० खाल खाल] बहुत कम । कहीं कहीं । कोई होना । (३) हाथ में लिया हुमा काम समाप्त होना । फुरसत कोई [को०] मिलना । अवकाश मिलना । खाली पेट = बिना कुछ अन्न खालड़ी-संज्ञा स्त्री० हिं० खाल+ डी (प्रत्य॰)] खाल । सालड़ी। साए हुए । निरन्ने पेट । बासी मुहै। जैसे, खाली पेट पानी त्वचा । उ०--मानुप केरी खालड़ी प्रोढ़े देखा बैल 1-कबीर मत पीयो । खाली हाथ =(१) विना मुट्ठी में कुछ दाम . मं०, ५० ३६५ ॥ लिए । विना कुछ रुपए पैसे के । पैसे, खाली हाथ जाना खालफूका-संग्रा पुं० [हिं० खाल+फ़चना] धौंकनी धोकनेवाला। ठीक नहीं । (ख) ब्राह्मण को खाली हाथ मत लौटायो। (२) भाथी चलानेवाला। बिना किसी हथियार के । जैसे,-रात को जंगल में साली खालसा-वि० [अ०पालिसह = शुद्ध, जिसमें किसी प्रकारका मेन हाथ निकलना अच्छा नहीं। न हो] १. जिसपर केवल एक का अधिकार हो । जैसे, ४. रहित । विहीन । जैसे,—(क) उनकी कोई बात मतलव से उनकी सारी जायदाद खालसा है। २ राज्य का। सरकारी। खाली नहीं होती। उ०----शुभ प्राचार धर्म को ज्ञानी रह्यो मुहा०-खालसा करना=(१) स्वायत्त करना। जन्त करना । तनय ते खाली। रघुराज (शब्द०)। ५. (व्यक्ति) जिसे कुछ (२) नष्ट करना। चौपट करना । खालसे लगाना = दे० काम न हो या जो किसी कार्य में न लगा हो। जैसे, प्रद 'खालसा करना। हम खाली हैं। लायो तुम्हारा काम देख लें। - खालसा --संज्ञा पुं० मिखों का एक विशेष वर्ग या मंडल । महा०-खाली बैठना = (१) कोई काम घाम न करना । (२) खाला'-वि० [हिं० खाल या खाली] [वि० सी० खाली] नीचा। निम्न। वेरोजगार रहना । विना जीविका के रहना । मुहा०-खालाऊँचा- (१) जो समतल न हो। (२) भला ६. (वस्त) जोयवहार में न हो या जिसका काम न हो। बुरा या हानि लाम। जैसे,—(क) चाकू खाली हो गया तो इंघर लायो। (ख) खाला-संज्ञा स्त्री० [अ० खालह, ] माता की बहिन । मौसी। इतने खेत खाली पड़े हैं । ७. व्यर्थ : निष्फल । जैसे, तुम्हारा मुहा०-खाला का घर= वह काम जिसके करने में अधिक प्रयत्न खाली न जायगा। 30--पुनि लक्ष्मी हित उद्यम परिथम न करना पड़े 1 सहज काम । उ०-यह तो घर है कर । अरु जब सद्यम लाली परै । तब वह रहै बहुतः दुख प्रेम का वाला का घर नाहि । -कवीर सा० सं०, भ.०१. . पाई।-सूर (शब्द०)। पृ०४७। क्रि० प्र०-जाना । पड़ना । खालिक'-वि० [सं०] खलिहान की तरह । खलिहान जैसा (को०)। महा०—निशाना या चार पाली जाना- निशाना या वार ठीक न खालिक-संज्ञा पुं० [अ० खालिक बनानेवाला । सिरजनहार नष्टा। . वैठना । अस्त्र का लक्ष्य पर न पहुँचना । अाक्रमण व्यर्थ होना। . . सुष्टिकर्ता । उ०--कवीर खालिक बागिया और न जागे बात खाली.जाना या पढ़ना= वचन निष्फल होना । कहने के । कोह। के जाग विपई विष भरया के दास बंदगी हो।।- अनुसार कोई बात न होना । वादा झूठा होना। जैसे,-(क) कबीर ग्रं॰, पृ० २६ । हमारी बात खाली न जायगी; वह फल पवश्य.. यावेगा। खालिस-वि० [३० खालिस ] जिसमें कोई दूसरी वस्तु न मिली हो। (ब) अगर आज साया उनके यहां न पहुचेगा तो हमारी शुद्ध । मिलावट से रहित । । बात खाली जायगी। खाली दिन वह दिन जिस दिन कोई खाली-वि० [अ० खाली] १. जिसके अंदर कुछ न हो । जिसके नया या शुभ कार्य न किया जाय । जैसे,—कल तो बुध है, . अंदर का स्थान जो शून्य हो। भरा न हो रीता। रिक्त। खाली दिन है; फल प्रारंभ करना ठीक नहीं है। खाली क्रि० प्र०-करना। देना । होना । देना=जिसपर वार या पाघात किया जाय, उसके वार को मुहा०-खाली करना- भीतर कुछ न रहने देना। भीतर की ... बचा जाना । साफ निकल जाना। खाली. महीना या खाली वस्तु या सार निकाल लेना । जैसे,-घड़ा खाली करना, संदूक .. - चाँव = मुसलमानों का पारा महीना जो अशुभ माना स : वाली करना । जाता है। २. जिसपर कुछ न हो। जिसपर कोई. वस्तु या व्यक्ति न हो। : . . काम न चलेगा; समझो। खाली-कि० वि० केवल । सिर्फ। अकेले । जैसे---खाली रटने से जैसे-कुरगी चाली करना, मेज खाली करना। ३. जिसमें खाली संज्ञा पुं० तवला, मुदग प्रादि बजाने में वह ताल जो खाली कोई एक विशेष वस्तु न हो । किसी विशेष “वस्तु वे शुन्य । छोड़ दिया जाता है और जिसमें बाएँ पर अघात नहीं लगाया