पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग ४.pdf/२१३

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मोरना 14THIPPS: दा मंचल छोरि काट मारतेंदु, मा. ३, ४, ११८ । छोटी 1-18 झॉटा'-संवा पुं० [सं० जूट]... बड़े बड़े बालों का समूह 1 इधर उधर मोक -सा स्त्री० [ हिं• ],३० 'भोक लाम मल ते विखरे बड़े बड़े बालों का जुट्टा। उ०-हमरे सबद:विवेक मौ मतवाला में कोक्सो मावै !-स० दरिया, बगहि चतर में सोटा 'पावरूह ले भाग"पकरि के कटिहों ११२। " झोंटा 1-पलटू०, भाग ३, 15 Jari. _ झोखना- किसह झोंकना सनी "छोड़ना देना महा मोंटे पकड़कर कॉटना, मारना, निकालना, घसीटना या - Ta-घम झोखे माइत झाल मैं जोरधु. . इसी प्रकार का भौर कुव्यवहार करना= सिर के बाल खीचकर 21-२९-~i Triilm Pार 15 सबव्यवहार करना।-स्त्रिों के लिये यह अपमान की मां-सज्ञा स्त्री० [हिं० झोझ] १ किसी वस्तु की वह भेनावश्यक आहै। मोटे ससोटना सिर के बाल खींचना- लटकता हुमा अंश को फूलो फूला थैमी पैसा दिखाई दें। यौठ-झोटी मोटी ऐसा लड़ाई झगड़ी या" मारपीट जिसमे -उ०--नितम्ब गुरुत्व कपड़ों को लटफापर, लाना चाहा । झोटा पकड़ने की नौबत पावेfp ' F- प्रेमघनाभा २६१:- fina २ 'जुट्टी पतली लंबी वस्तुओं का इतना बड़ा समूह जो एक बार मोमर-समा पुन प्रापोझर] पचौनी । मोझर1) T . हाय मे पा सके ।। Pirodi it मोगा - मोर झ fre मोटारसे पुहि झोंका] वह धक्का पो झले को इधर . मोटा-सधा हि पग । दे० 'झोंका। जे घण हिलाने के लिये दिया जाता है झोंका। पेंग।। उP-(क) (ललिता विमासा देहि मोंटारीझि भंग न समाति ।-सूर ए पात्र याला मरमव पाव मल रथम रग झड, झोटा दर अलाव । बाँकी , भा०३, पृ० (क) कोउ 17 (शब्द॰) । (ख) एक समय एकातः जन में डोल झलक अचल छोरि कटि में मौषि कसिके देत । कोउ किए लावन की कुशविहारी झोटा देत ; परस्पर भबोर--उडावतः सारी। ---11-हरिदास-(शब्द FIFFYT18: 1:TREy मुहार-झोंटा देता - मूले को बढ़ाने के लिये धक्का देना । पेंग भोटिंग-वि? [हिक झोंटा ] झोंदेवाला। जिसके सिर पर बहुत Frमारनां झोटा मारना= दे झोंटा देना। * बुड़े बड़े और बाल, हो . मजहित मत पिशाच २. झटका। मौका पाला प्रदाज बैताला, प्रथम महा. कोटिंग करावा, तुलसी (शब्द॰) । मोटामन-[हिं० ढोदा०] १. मैंस का बच्चा। पवार मोटिंग P. मोटिंग--सपा पुं० बहुत बड़े बटे, पौरखले सबालोवाला। भूत २. मैना । महिए -- FM नी : प्रेत या पिशाच पादि। har झाँटी'मिसा'सो [ हिकमोटा ], देसोटा,'-ATY-सुनि माइया साह, सुपारी का वृक्ष,ASTRI रिपहन लखि नख सिख खोटी-+ लगे घसीटनु परिपरि मोटी झोपड़ा, सञ्चा-o:[ हिं०, झोंपड़ा तुलसी पान्दा) FIR, मोपड़ी- समा- श्रीहिः ] दे झोपड़ी यौ--झोटीमोटा लडाई झगडादेझिोटाझोंदी झोपरिया@t-सा स्त्री॰ [हिं० झोपड़ी+इयाः (प्रत्य] दे. झाँट:- सञ्चा श्री० [हिं० ] दे "झोका-11; 'झोपड़ी' । उपाखिरकी बैठ-गोरी चितवन-लागी उपर माप मॉप-वि० प्रा०प, हि० झांपना] स्टका लेनेवाला माच्छादित" झोपरिया।-फवीर श०, भा० १. ५० ५५ ...nets कर लेनेवालाधना। निवि०-सो रहा है झोप मोबाझोब-कि० वि० [ अनु.] दे.."कम झम-१ | उ०-सहयो धियाला नदी की जांघ पर हरी घास, पं. गुरु ऐसा मिल, सम दृष्टिी निलेभि सिंष कुप्रेम समुद्र में कर दे __ोधाभोवसति भोपड़ा- समा गहि छोपना ( छाना) अथवा प्रा. झप, हिं० । मल्पा झोपडी व बहुत घोटासीर या मोरी-सी हिमो 1. झोप siवत छोटा सा घर या मोसमा .FEE7 , मनुष्यों के रहने का स्थान जो वियोषत गाँवो या जगलों मादि झोरई वि० [हिंध-झोल+ ईप्रस जिसमें झोल हो। 1.किनी मिट्टी को छोदी छोटी दीवारो को उठाकर मोरयास रसेदार । उ करा सरस बोरई । सेमि, सीगरी IF फूस से छाकर वना लेते हैं कुटी, पथालाई छमकि झोरई।--सूर (शब्द॰) । IT -HTF -15--02 में मुहा०-मण झोपड़ा- पेउ। उदर (फकीर०)। मधे झोपड़े में। ई-सेंधा श्री [हिं० झोल] रसेदार तरकारी। प्राग लगनाक भूख लएटा (फकीर कॉपड़ी-सका सी० [हि. मोरया करा (स्त्री मल्पा) छोटा पानी न पालन] . टका देकर हिलानी या कुलो कहानि हमें न, सोरि। नयो कहार झोंपदा । कुटिया । पर्णशाना । मढ़ी। गत बीस लोचन विलोकिए कुमंत फल पाल लंका लाई फपि रोड की सी प्रकार का देकर पार चार हिलाना जिसमें उसके साथ लगी हुई दूसरी पोज गिर पड़े। जैसे पेड़ की गल झोरना। झोपा, सबा पुं० [हिं मना ] भड्या । गुदा । - मूलहिं रतन आम कोरलाइमली कोरना, भादि । झोरि से कौन पाट के झोपा। माज मदन नेडि का कह, कोपा का जायसी ल ए वन बाग ये कोन जुमासन को हरियाई । सकुसुमाकर (शब्द०)। '(संद०)। जूतिपूर्वक भोजन करना । कफर साना। -- - झोपड़ी F-