पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग ४.pdf/५६३

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२२११ दम का बहुत बड़ा सदूक जिसमें कुछ मादमियों को बैठाकर गुप्त उमारते हैं। २ अंजनी के ऊपर की पोर लगी हुई लकड़ी रूप से सुरंग खोदने अथवा इसी प्रकार का मोर कोई उपद्रव ( जोलाहे)। करने के लिये शत्रु के किले में उतार देते हैं । व्व'-सक्षा पु. [सं० द्वन्प, प्रा० दब ] द्रव्य । पन । संपत्ति । दवाव- सम पुं० [हिं० दबाना] १ दवाने की क्रिया । पाप। सामान । 30-जो मिलत मुहि माइ । देउँ धन प्रबर दब्बू । कि० प्र०-डालना-में माना या पड़ना। -पृ० रा०,१२।११७, २.६वाने का भाव । चाप । ३ रोब । दब्बूा-वि० [हिं० वचना + क (प्रत्य॰)] दवनेवाला । दबैला। प्रि -डालना।~मानना ।—में माना या पडना । द -वि० [सं०] १ मल्प। थोड़ा। कम । २. कुंद । मतीक्षण। दचिल्ला -सक पुं० [देश॰] खुरपी या खुचनी के साकार का लकड़ी दभ्र-सहा पुं० सागर । समुद्र । उदषि (को०] । का बना हुमा हलवाइयो का एक मौजार जिससे वे वेसन दमंगल-मक्षा पुं० [फा. दगल ? या डि. दमगल] नखेडा । उपद्रव । प्रादि सुनते, खोवा बनाते या चीनी की चाशनी मादि युद्ध । उ.---विधि हते वीर महावलं गह बाल हून दनगलं । दिल फेटते हैं। समय के कषा दवारे, गजे सुर गहर-रघु० रू., पृ० १५२ । दबीज-वि० [ फा दवीज़ ] जिसका दल मोटा हो । गाढ़ा। सगीन । दमंकना--कि० अ० [हिं० वमकना] चमकना । उ०-बहु कृपान दबीर-सक पुं० [फा०] १. लिखनेवाला । मुसी। २ एक प्रकार तरवारि समकाहि । जनु वह दिसि दामिनी दमकहि।-मानस, के महारा ब्राह्मणों की उपाधि । दबूचना-क्रि० स० [हिं० दबोचना ] दे० 'दबोचना' । उ-पजे दमसा--सछा पुं० [हिं० क्षम+प्रस ] मोल ली हुई जायदाद । से दवूच चोच से चमड़ी नोचकर---प्रेमघन॰, भा॰ २, दम-सना पुं० [सं०] १ दइ जो दमन करने के लिये दिया जाता पृ. २०॥ है। सजा । २ बाह्य द्रियों का दमन । इद्रियो को वश में दवसा-सवा पुं० [देश०] १. जहाज का पिछला भाग। पिच्छल । रखना और चित्त को बुरे कामो में प्रवृत्त न होने देना । ३ २ परी नाव का पिछला माग जहाँ पतवार लगी रहती है। कीचड़। ४ घर। ५ एक प्राचीन महर्षि जिनका उल्लेख ३ जहाज का कमरा |--(ल.)। महाभारत मे है । ६ पुराणानुसार मरुत राजा के पौत्र जो दवेरना-क्रि० स० [हिं० दवाना ] दे० 'दबोरना। भ्र की कन्या इद्रसेना के गर्भ से उत्पन्न हुए थे। विशेष-कहते हैं फि ये नौ वर्ष तक माता के गर्भ मे रहे थे। दवेला–वि० [हि. दवना+ एला (प्रत्य॰)] १ दवा हुमा । इनके पुरोहित ने समझा था कि जिसकी जननी को नौ वर्ष जिसपर दबाव पड़ा हो। २ जल्दी जल्दी होनेवाला (काम)। तक इस प्रकार इंद्रियदमन करना पड़ा है वह बालक (लश.)। स्वय भी बहुत हो दमनगील होगा। इसी लिये उसने इनका दवेक्ष-वि० [हिं० दबना + ऐल (प्रत्य॰)] दबनेवाला । दम्बू । नाम दम रखा था। ये वेद वेदागों के बहुत अच्छे ज्ञाता मौर दबैला 130-सुख सों लाज सिघारी सुरग कों काहू की हो धनुर्विद्या मे बड़े प्रवीण थे। न दवैन ।--भारतेंदु ग्र०, मा० २, पृ० ४०१॥ ७. बुद्ध का एक नाम । ८ भीम राजा के एक पुत्र भोर दमयती दवैला-वि० [हिं० दबना+ एला ( प्रत्य॰)]१.जिसपर किसी के एक भाई का नाम | विष्णु। १० दवाव । का प्रभाव या दवाव हो । दवाव मे पडा हुमा । किसी से मर-सहा पुं० [ फा ] १ सोस। श्वास । दबनेवाला। दव्यू। क्रि० प्र०-माना !-घलना ।--जाना 1-लेना। दबोचना-किस.हिददाना] १ किसी को सहसा पका- महा०-क्षम भटकना - सांस रुकना, विशेषत-मरने के समय सांस कर दवा लेना। घर दवाना । जैसे-बिल्ली ने तोते को जा दबोचा। २. छिपाना। रुकना। दम उखड़ना = दे० 'वम मटकना' । दम उलटना- (१) व्याकुलता होना। घबराहट होना । षी घबराना । सयो० क्रि०-लेना। (२) दे० 'दम घुटना'। दम खाना = दे० 'दम लेना'। दम दयोरनाल-क्रि० स० [हि दवाना ] अपने सामने ठहरने न खिचना= दे० 'दम अटकना' । दम खीचना = (१) सुप रद्ध देना । दबाना।३०-दयकि दबोरे एक बारिधि में बोरे एक जाना। न बोलना । (२) मांस खींचना । साँस ऊपर ___ मगन मही में एक गगन उठात हैं।--तुलसी (शब्द॰) । चढ़ाना । दम घुटना- हवा की कमी के कारण सांस दवोस-शा श्री० [देश॰] चकमक पत्थर । रुकना । सांस न लिया जा सकना । दम घोंटना=(१) देवोसना-क्रि० स० [देश॰] शराब पीना। सांस न लेने देना। किसी को सांस लेने से रोकना। देवौता-सम्या पुं० [हिं० दवाना + प्रोत (प्रत्य॰) ] लकडी का वह (२) बहुत कष्ट देना। पम घोंटकर मारना=(१) गला कुडा जिसे पानी में भिगाए हुए नील के उठलों मादि को दबाकर मारना । (२) बहुत कष्ट देना । दम पढ़ना = दे० 'दम दबाने के लिये कपर से रख देते हैं। फूलना' । दम चुराना-जान बूझकर सांस रोकना। द्वानी--सका स्त्री हंदवाना+मौनी ( प्रत्व.)] १ फसेरो विशेष—यह क्रिया विशेषत मक्कार जानवर करते हैं। बदर का मोहे का मौजार जिसे वे बरतनो पर फूल पत्ते मादि मार खाने के समय इसलिये चम चुराता है कि जिसमें मारने