पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग ४.pdf/५८१

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२२२६ दले इलवाना-क्रि० स० [हिं० दलना का प्रे० रूप] १. दलने का काम स्त्री पुरुप का मनुचित सयोग करानेयाला। कुटना। ३ बाटो करवाना । मोटा मोटा पिसवाना । जैसे, दाल दलवाना । २ की एक जाति । विवाना । ३ नष्ट कराना । ध्वस्त करा देना। दलालत-मता स्त्री० [4.] चिह्न। पता। लक्षगा। उ०इल्लवाल -सका पुं० [सं० दलपा] सेनापति । फौज का सरदार। दलालत यो सही कुरान मू है। इवी इस्ताम के ईमान दखबीटक-सका ० [सं०] कुट्टनीमतम् मे वरिणत कान का एक मासु है।-दक्खिनी॰, पृ० १६३ ! पण। एक कणंभूषण (को०] ! दलाली-मुद्धा स्रो० [फा०] १ दलाल का काम । दसवैया-सका पुं० [हिं० दखना+वैया (प्रत्य॰)] १. दलनेवाला। क्रि० प्र०करना। २दखने मलनेवाला। जीतनेवाला। २. वह द्रव्य जो दलाल को मिलता है। उ.-भक्ति हाट ठि इलसायसी-सहा बी• [सं०] तुलसी। श्वेत तुलसी (को०)। तु पिर व हरि नग निर्मल लेहि काम क्रोध मद लोभ मोहत दलसारिणी-सका स्त्री॰ [सं०] केमुमा । वंश । कन्न् । सफल दलाली देहि -सूर (शब्द॰) । दबसूचि-सका पु० [सं०] १. वह पौधा जिसके पत्तों में कांटे हो। कि० प्र०-देना । —लेना। जैसे, नागफनी। २. पत्तों का कोटा । ३. काठा। दलाइय-प्रशा पुं० [सं०] तेजपत्ता। दखससा-संकली. [सं० दससा या दस्तसा दल की विरा। दति-सहा श्री.[सं०] मिट्टी का टुकड़ा।रेना [को०)। पों की नस । दलिक-सशा पुं० [सं०] काठ लकड़ी। को०]) दलहन-सा पुं० [हिं० दाल+मन] वह भन्न जिसकी पाल बनाई जाती है जैसे, चना, मरहर, मूग, उरद, मसूर इत्यादि। दलित-वि० [सं०] १ मीड़ा हुमा। मसलाहमा मदित । २. रावा हुमा। कुचला हमा । ३ खस्ति । टुकड़े टुकड़े किया इमा। रलहरा- सं० [हिं० दाल+हारा (प्रत्य॰)] दाल बेचनेवाला । ४ विनष्ट किया हमा। ५ जो दवा रखा गया हो । यबापा यह को दाल बेचने का रोजगार करता हो । हुमा । जैसे,-भारत को दलित जातियो भी अब उठ रही है। दहा-सा पुं० [सं० स्थल, हि. याल्हा] थाला। मालवाल। दलिएर-सन्ना पुं० [सं० पारिद्रय परिद्र] १. दरिद्रता । गरीबी। दखाई-सका सी-[हिं० दलना] १. चमकी से दाल मादि दरने का त०-आप चाहें तो एक दिन में हमारा दलिद्दर दूर कर सकते काम । ३०-जब तक पाखें थी, सिलाई करती रही। व हैं।-श्रीनिवास प्र०, पृ. ३७ । २. कूड़ा करकठ । गदगी। से माखें पई दलाईहरती हूँ। काया , पु. ५३९ । २. ३ चरिद्र । गरीब । धनहीन। दलने की मजदूरी। दराई। दलिदा-सरा पुं० [सं० दरिद्र] दे० 'दरिद्र'। दवाई लामा-सहा ति] तिम्मत के सबसे खे लामा या धर्मगुरु बो वहाँ के सर्वप्रभुतासपन शासक भी होते है। दलिया--सबा पुं० [हिं० दलना । तुल• फा. दलीदह,] दलकर कई दखाडक-संज्ञा पुं॰ [सं०] 1 जंगमी तिल । २ मेरू । ३. नामकेसर। टुको किया हुमा मनाज । जैसे, गेहूँ का दलिया। ४. सिरिस । ५ कद६. गजकर एक प्रकारका पलाशी दलो-वि० [सपाजन् १ जिसमें पस या मोटाई हो।२ जिसमें ७ गाजा फेन (को०)। ५ साल। परिखा (को०)। तीन पत्ताहा। पत्तवाला । वायु। मंषवायु । दौसर (को०)। १.. ग्राममुख्य। गांव का खुलीप-सथा . [सं० दिलीप ] दे० 'विलीप'। प्रधान (को०)। दलील-संती [म.] १ तर्क । युक्ति । २. बहस । वाददबाढय-सम सं०] नदी तट का कीचड़ी पक [को०] । विवाद। दहादखी-सबा सी० [सं० दलन का द्विस्वप्रयोग (मष्टामुष्टि की क्रि० प्र०--करना ।-~-जाना। भौति)] मिस्त। संघर्ष । होरा उ.-उसे इस दोनों दलों त । संघष । होर। उ.-उस इस दाना बला दलेगधि-सक्षा • [ सै० बलेगन्धि ] सप्तपणी पक्ष । की दलादली ने दल मलकर समान हराला |---प्रेमपन, दलेपंजसका पुं० [हि. ढलना+पजा ] . वह घोड़ा जिसकी मा० २, पृ. ३०७1 उमर ढल गई हो। वह घोड़ा जो जवान म रह गया हो। दसाना-सहा. [ft. दालान दे० 'दालाम'। २ ढलती हुई उमर का भादमी। दवाना--क्रि० स० [हि. दसना] ३. 'वलवाना। दलेल–राश श्री. [4. ड्रिल ] सिपाहियों का यह र विसमे दलामल-सबा पुं० [सं०].पीने का पौधा । २ मरुवे का पौषा । हथियार और कपड़े मादि उनकी कमर में बांधकर उन्हें ३ मैनफल का पेड़ । टहलाते है। वह कवायद जो सजा की तरह पर पीवाय । दसाम्ल-समा[सं०] लोनिया साग । ममलोनी। उ.-दिल चले दम बने रहेंगे हो, क्यों न हो दिल पसेस में मेरा-पोखे०, ११४ । सारा-सबा पु. देश. एक प्रकार का भूमनेवाला विस्तरा जिसका व्यवहार जहाज पर मस्लाद लोग करते हैं। मुहा०-दलेस शेलना = सजा की तरह पर कमायव देने की दला--संक्षा पुं० [म. स दलाली], वह व्यक्ति जो सोया। माशा देना। मोम लेने मा बने में सहायता दे । विपवई । मध्यस्य । २. दल-क्रि० स० [देश॰] मुंह नामो । वामो (हामीवानों की योमी)।