पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग ५.pdf/१०

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संकेताक्षरों का विवरण अं०-अँगरेज़ी भाषा गुज०-गुजगती भाषापुर्त- पुर्तगाली भाषा लक्ष्मणसिंह-गजा अ०. अग्ची भाषा गुमान-गुमान मिश्र पूल हिं-पूर्वी हिंदी लक्ष्मणसिंह अनु० अनुकरण शब्द गोपाल-गिरिधरदास प्रताप प्रतापनारायण मिश्र । लल्लू० लल्ट्रलाल अनेक-अनेकार्थनाममाला (बा० गोपालचंद्र) प्रत्य०-प्रत्यय ला० लाकरी भाषा अप०-अपभ्रंश चरण चरणचंद्रिका प्रा०--प्राकृत भाषा अर्थात् हिन्दुस्तानी अयोध्या० अयोध्यासिंह चितामणि कवि चितामणि प्रिया प्रियादास जहाजियों की वाली उपाध्याय त्रिपाठी 'प्रे-प्रेरणार्थक लाल लाल कवि (छत्र- अर्द्धमा० अर्द्ध मागध छीत छीतस्वामी प्रे० मा प्रेमसागर प्रकाशवाले) अल्पा-अल्पार्थक प्रयोग जायसी मलिक मुहम्मद फफगसीसी भाषा ले लैटिन भाषा अन्य--अव्यय जायमी का-फारसी भाषा वि०-विशेषण आनंदघन-कवि आनंदघन जावा. जावा द्वीप की भापा वंग चंगला भाग विश्राम-विश्रामसागर इव०- इबगनी भाग ज्या ज्योतिष बग्मी० घरमी भाषा व्यंग्यार्थ-व्यंग्यार्थकौमुदी उ० उदाहरण डिडिंगल भाषण बहु बहुवचन व्या- व्याकरण उत्तरचग्नि-उत्तरगमचरित • तु. तुम्की भाषा बिहारी-कवि बिहारीलाल व्यास अधिकादत्त व्यास उप--उपसर्ग तुलसी-तुलसीदास go ग्वं चंदलखंड कीवाली । शंदि शंकरदिग्विजय उभ०-उभयलिंग तोष कवि तोप बेनी कवि वेनी प्रचीन मत भंगार सतसई कठ उप० कठवल्ली दादू दादूदयाल भाव भाववाचक सं० संस्कृत उपनिषद् दीनदयालु कवि दीनदयालु : भषण-कवि भपण त्रिपाठी कवीर-कबीरदास संयोग संयोजक अव्यय गिरि संया कि संयोज्य प्रिया केशव- केशवदास मतिगम-कवि मनिगम कोंकर-कोकण देश कीभापाल दुलह कवि दूलह त्रिपाठी मा-सकर्मक कि क्रिया दे-देखो मला मलायम मापा सबल मवलसिंह चौहान कि.० अ० क्रिया अकर्मक देव देव कवि मन्ट्रक० मटकदास सभा वि० सभाविलास क्रि० प्रक्रिया प्रयोग (मैनपुरीवाले) मि मिलाओ सर्व० सर्वनाम क्रि०वि० क्रिया विशेषण देशदेशज मुहा० मुहागि : सुधाकर सुधाकर द्विवेदी कि०म०-क्रिया सफर्मक द्विवेदी- महावीरप्रसाद यु०-युनानी भाषा । सूदन मदन कवि क्व० कचित् अर्थात् इसका द्विवेदी यो-योगिक तथा दो . (भरतपुग्वाले) प्रयोग बहुत कम देखने नागरी-नागर्गदास वा अधिक शब्दों के पद सूर सरदास में आया है।

नाभाः नाभादास

ग्धु० दास रघुनाथदाम त्रि० स्त्रियों द्वारा प्रयुक्त खानखाना- अब्दुर्रहीम निश्चल निश्चलदास ग्घुनाथ रघुनाथ वंदीजन स्त्री. स्त्रीलिंग खानखाना पं०-पंजाबी भाषा रघुगज महागज म्पा म्पनी भाषा गि० दा० वा गि० दास- पद्माकरमाकर भट्ट रघुगजसिंह रीवॉनरेश हि हिंदी भाषा गिरिधरदास (चा० पर्या–पर्याय रसखान -संयद इब्राहीम हनुमान हनुमन्नाटक गोपालचंद्र) पा०-पाली भाषा : रमनिधि-गाजा पृथ्वासिंह : हरिदास-स्वामी हरिदास गिरिधर-गिरिधरराय पु०-पुलिंग रहीम अब्दुहीम हरिश्चंद्र-भारतेंदु हरिश्चंद्र ( कुंडलियावाले ) पु० हिं० पुगनी हिंदी स्थानाना

  • यह चिह्न इस बात को सूचित करता है कि यह शब्द केवल पद्य में प्रयुन होता है।
  • यह चिह्न इस बात को सूचित करता है कि इस शब्द का प्रयोग प्रांतिक है।

यह चिह्न इस बात को सूचित करता है कि शब्द का यह रूप ग्राम्य है।