पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग 6.djvu/४४६

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प्रतिषाधक ३१५५ प्रतिभासंपन्न प्रतिबाधक-वि० [स०] १. बाधा करनेवाला। वाधक । रोकने- प्रतिवोधन-सचा पुं० [०] १ जगाना । ज्ञान उत्पन्न कराना । वाला । २. कष्ट पहुंचानेवाला । पीडा देनेवाला। प्रतिव्य ब-सझा पुं० [हिं०] दे० 'प्रतिक्वि' । उ०-झलकंत प्रतिबाधन-संज्ञा पुं० [सं०] १ विघ्न । बाधा । २ पीडा । फष्ट । घगत्तर टोप मिले। रस चाह निसा प्रतिव्यंव रखे।-रा० प्रतिबाधित-वि० [सं०] १ हटाया या रोका हुआ। निवारित । रू०, पृ० ३३॥ २ वाघित । वाधायुक्त। पीड़ित को०] । प्रतिभट-सधा पुं० [सं०] १ बरावर का योद्धा । समान शक्तिवाला प्रतिबाधी-वि० [सं० प्रतिवधिन् ] १. वाधक । बाधा डालनेवाला । योद्धा । उ०-जेहि कहुँ नहिं प्रतिमट जग जाता ।- २.विरोधी। शत्रु । प्रतिकूल [को०] । मानस, १६१८० । २ वह जिससे युद्ध होता हो । मुकाबला करनेवाला । उ०-प्रतिभट खोजत कतहुँ न पावा।-मानस, प्रतिषाहु-सज्ञा पु० [सं०] १ वाह का मगला भाग। २ पुराणा- १११८२ । ३ शत्रु । वैरी । दुश्मन । नुसार श्वफल्क के एक पुत्र और अक्रूर के भाई का नाम । प्रतिभटता--सज्ञा स्त्री० [ 10 ] वैर । शत्रुता | दुश्मनी। प्रतिबिंव-सञ्ज्ञा पुं० [म० प्रतिविम्ब १ परछाई । छाया । २ मूर्ति । प्रतिमा। ३ चित्र। तसवीर । ४ शीशा। दर्पण । उ० प्रतिभय'-वि० [ म० ] भयकर । हसे हँसत अनरसे अनरसत प्रतिबिंवन ज्यों झाई ।- तुलसी प्रतिमय-सञ्ज्ञा पुं० भय । डर । (शब्द०)। ५ मनक। प्रतिभा-सज्ञा स्त्री॰ [ स०] १ बुद्धि । समझ । २. वह असाधारण प्रतिबिंधक-सक्षा पुं० [म. प्रतिविम्धक ] परछाई के समान पीछे मानसिक शक्ति जिसकी सहायता से मनुष्य प्रापसे प्राप, पीछे चलनेवाला । भनुगामी। विशेष प्रयत्न किए बिना ही, किसी काम में बहुत अधिक प्रतिविधन-सज्ञा पुं० [सं० प्रतिबिम्यन ] २. प्रतिबिंब करने की योग्यता प्राप्त कर लेता और दूसरों से प्रागे बढ़ जाता है। क्रिया या स्थिति । २ प्रतिच्छायित होना। ३ तुलना । पसाधारण बुद्धिवल या योग्यता जिसकी अभिव्यक्ति बहुधा समता-[को०] । साहित्य, कला या विज्ञान प्रादि में होती है । यौ०-प्रतिभाशाली । प्रतिभावान् । प्रतिबिंधवाद-सज्ञा पुं० [ मं० प्रतिबिम्बवाद ] १. वेदात का वह सिद्धात जिसके अनुसार यह माना जाता है कि जीव वास्तव ३ दीप्ति । चमक । (क्व०)। ४ उपयुक्तता । मौचित्य (को॰) । में ईश्वर का प्रतिबिंव मात्र है। २ एक साहित्यिक प्रतिभाकूट-सञ्ज्ञा पुं० [ मे० ] एक वोविसत्व का नाम । विचारधारा। प्रतिभात-वि० १. चमकीला । ज्योतिर्मय । २. ज्ञात । समझा प्रतिबिंधित-वि० [सं० प्रतिविम्थित ] १ जिसका प्रतिबिंब पडता हुपा । उ०—किंतु भूप को हाय न यह कुछ ज्ञात था, काश्यप हो । जिसकी परछाही पडती हो । २. जो परछाही के कारण दर्शन योगमात्र प्रतिभात था ।-शकु०, पृ०४६ । दिखाई पड़ता हो । ३, जो झलकता हो। जो कुछ स्पष्ट रूप प्रतिभान-सज्ञा पुं॰ [ म०] १. वुद्धि । समझ । २ प्रभा । चमक । से व्यक्त होता हो । जिसका आभास मिलता हो । ३. प्रतीत होना । जान पडना (को०)। ४ प्रगल्भता (को०)। प्रतिबिधी-सज्ञा पु० [ म० प्रतविम्व+हि० ई (प्रत्य॰)] वर्पण । शीशा । उ०-प्रतिबिंबी पादरस पुनि मुकुर सुकर तिय प्रतिभानवान्-वि० [ म० ] १. प्रतिभान या प्रतिभायुक्त । २. लेत ।-अनेकार्थ०, पृ० ३६ । द्युतिमान् । ३. प्रगल्भ (यो०)। प्रतिवीज-वि० [सं०] जिसका बीज नष्ट हो गया हो । जिसकी प्रतिमानु-सञ्ज्ञा पुं॰ [ सं०] सत्यमामा के गर्भ से उत्पन्न श्रीकृष्ण उत्पन्न करने की शक्ति नष्ट हो गई हो। के एक पुत्र का नाम । प्रतिभान्वित-वि० [स०] जिसमे प्रतिभा हो । प्रतिभाशाली। प्रतिवुद्ध-वि० [सं०] १. जागा हुआ। २ जो जाना हुग्रा हो । प्रसिद्ध । ३. जिसकी उन्नति हुई हो। उन्नत । ४ प्रफुल्ल । प्रतिभामुख-वि० [सं०] १ प्रत्युत्पन्न मति । कुशाग्रबुद्धि । २, विकसित (को०)। धृष्ट । प्रगल्भ (को०] । प्रतिवुद्धि-सज्ञा स्त्री० [०] १ विपरीत बुद्धि । उलटी समझ । २. प्रतिभावान्-वि० [० प्रतिभावत्] १ प्रतिभान्वित । प्रतिभाशाली। प्रतिवोघ । जागरण (को०)। जिसमें प्रतिभा हो। २ दीप्तिमान् । चमकदार । ३. प्रतिबंबु-सज्ञा पुं० [हिं०] छाया । प्रतिबिंब । परछाई । उ०- प्रगल्म (को०)। जेव प्रतिवेंबु समनि में भासे प्रतिमा को गुन गैऊ-स० प्रतिभाशाली-वि० [सं० प्रतिभाशालिन्] [वि० सी० प्रतिभाशालिनी] दरिया, पृ० १४७। जिसमें प्रतिभा हो । प्रतिमायुक्त । प्रतियोध-सज्ञा पुं० [सं०] १. जागरण । जागना । २. ज्ञान । समझ । प्रतिभाषा-सञ्ज्ञा स्रो० [सं०] १. उत्तर। जवाव । २. वह जो ३. स्मृति या स्मरण। किसी उत्तर के उत्तर में कहा जाय । प्रत्युत्तर । वादी का प्रतिबोधक-सज्ञा पुं० [सं०] १ वह जो प्रतिवोध करावे । २ कथन । मुद्दई का बयान । जगानेवाला। ज्ञान उत्पन्न करनेवाला। ४ शिक्षा देनेवाला। प्रतिभासंपन्न-वि० [सं० प्रतिभासम्पन्न ] जिसमें प्रतिभा हो । ५ तिरस्कार करनेवाला । प्रतिभाशाली।