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पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग 8.djvu/११

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६ To दाँकी.7, बापू, प्र. सा. ) प्र.म. पिंजरे० पिंजरे को उठान, यशपाल, विप्लव कार्यालय, फूलो० फूलो गा गा, यशपाल, विप्लव पार्यालय, लखनऊ, १९४६ ई० नगाक, प्र० सं० पूर्ण (शब्द०) पूर्ण कवि यगान पगाल मायाल, हरियणगय बच्चन,' भारती पू० म० भा० पूर्वमध्यकालीन भारत, वासुदेव उपाध्याय भटार, पनाहाबाद, प्र० म., १९४६५० भारतो भगार, लीटर प्रेस, इलाहाबाद, प्र० बदन० वयनयार, केंद्र सत्यार्थी, प्रगति प्रशासन, सं०, २००६ वि० दिल्ली, १९८९० पदमाश एपण, रोगपली, भारतजीवन प्रेग, पु० रा. पृथ्वीराज रासो ( ५ खर), सपा० मोहनलाल a1177, GOJO विष्णुलाल पडघा, श्यामसुपर दास, ना०प्र० सभा, काशी, प्र० स० लवार (शब्द०) गमवीर फषि पलभद्र (श६०) यल मद्रवि पृ० रा० (उ०) पृथ्वीराज रासो [४ सय ], स० पायिगज बारीमायावती (ती गा), सपा० राम- मोहनसिंह, साहित्य सस्थान, राजस्थान विश्व वीपीयाराग्र० नारायण दूगर, ना०प्र०मभा, पानी, प्र० स० विद्यापीठ, उदयपुर, प्र० स० चौगएरा चांगेग पोद्दार पमि० ग्र० पोद्दार अभिनदन ग्र०, रापा. वासुदेवशरण चापू पपितासग्रह, मिपागमशरण गुप्त, ०० पग्रवाल, मखिल भारतीय प्रज साहित्यमाल, गाना (1) वापरण मयुरा, स० २०१०वि० प्रगतिशील (वादी) साहित्य बालमुद (गन्द०) पालगृर गुम प्रालित विहीन प्रताप ग्र० प्रतापनारायण मिश्र न पावली सपा विजय- बिरहा ( सन्द शकर मल्ल, ना० प्र० सगा, यारागनी, विल्ले० बिल्नेसुर यफरिहा निरामा, युगमदिर, उपाय प्र०म० प्रताप (शब्द०) ध्यग्यार्थ कौमुदी के रचयिता प्रताप कपि चिराराम (शब्द०) बिग मावि प्रताप सिंह (शब्द०) प्रताप सिंह विहारी २० विहानी रत्नापर, संपा० जगासायदास पिता- कर',गा पगार, सम्मान, प्र० स० प्रवघ० प्रयपपन, 'निराला', गंगा पुस्तकमाला, विहारी (२०) फवि बिहारी लखनऊ, प्र० स० प्रभावती प्रभावती, 'निराला,' सरस्वती भटार, वीरासो वीसलदेव रामो, नपा० सत्यजीयन पर्मा, नाल प्र० सना, फाणी, प्र० स० लखनऊ, प्र० स० पीसल. रास वीरातदेव राम, मपा० मानाप्रगार गुम, प्र० स० भारण प्राणसगलो, सपा० मत सपूरणसिंह, येल- वेहियर प्रेस, इलाहाबाद, प्र० स० वी०रा० मा० चीसवीसनामी फे महापाव्य, डा० प्रतिपात- प्राचीन भारतीय परपरा और इतिहास डा० सिंह, मोनिए टन युपाहिपो, देहली, प्र० स० रांगेय राघव, प्रात्मागम ऐंट सस, दिल्ली, प्र० युद्ध च वुद परित, रामचन्द्र गुगल, ना० प्र० सा, स०, १९५३ ई० वागरासी, प्र० स० प्रिय प्रियप्रयास, पयोध्यासिंह उपाध्याय 'हरिमोध', वृहत् वृहत्साहिता हिंदी साहित्य कुटीर, वनारस, पष्ठ सं० वृहत्साहिता (मन्द०) वृहत्साहिता प्रियादास चेनी (शब्द०) यदि बेनी प्रचीन प्रेम प्रेमपथिफ, जयशफर प्रसाद, भारती भडार, चेला बेला, निराला,' हिंदुस्तानी पब्लिो शारा, लीडर प्रेस, प्रयाग, तृ० स. इलाहारगद, प्र० स० प्रेम और गोर्की प्रेमचद और गोर्की, मपा० राचीरानी गुदं, वेलि. वेलि पिरान रविमणी री, सग० ठापुर रामसिंह, राजकमल प्रकाशन लि०, बबई, १९५५ ई० हिंपुस्तानी एफेरमी, इसाहाबाद, प्र० स०, प्रेमघन० प्रेमघन सर्वस्व, हिंदी साहित्य समेलन, प्रयाग, १६३१ई० प्र० स०, १९९६ वि० वैताल (जन्द०) वैतात कवि प्रे० सा० (शब्द०) प्रेमसागर बोधा (शब्द०) कवि वोधा प्रेमाजलि प्रेमाजलि, ठा० गोपालशरण सिंह, इडियन प्रज मजविलास, सपा० श्रीकृष्णदास, लक्ष्मी वेंक- प्रेस लि०, प्रयाग, १९५३ ई० टेश्वर प्रेस, दवई, तृ० स० फिसाना० फिसाना ए आजाद (चार भाग), प० रतननाथ मजनिघि ग पावली, सपा० पुरोहित हरिना- 'सरणार, नवलकिशोर प्रेस, लखनऊ, चतुर्थ सं० रायण शर्मा, ना०प्र० सभा, काशी, प्र० स० प्रा. भा०प० प्रिया. (शब्द०) ग्रज०० A