पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग 8.djvu/१४१

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1 मानित ३६१८ मार्फत मागित-वि० [ 10 ] खोजा हुआ । अन्वेपित (को०] । मार्जारपाद- मशा पुं० [सं० ] एक प्रकार का घोबा जो बुरे लक्षण- मार्गी-सज्ञा स्त्री० [० सगीत में एक मूर्चना जिसका स्वरग्राम वाला होता है। इस प्रकार है,-नि, स, रे, ग, म, प, घ । म, प, घ, नि, म, मार्जारलिंगी-सग पुं० [ न० मारिलिनिन् ] वह जो विन्ली के रे, ग, म, प, ध, नि स । स्वभाववाला हो (को०)। मार्गी-सञ्चा पुं० [सं० मागिन ] १ मार्ग पर चलनेवाला व्यक्ति । मार्जाराक्षक–स पु० [ म० ] पौटिलीय अर्थशास्त्र के अनुगार एक रास्ता चलनेवाला । बटोही । २ पथप्रदर्शक । अगुया । प्रकार का रल । मार्जारी- नी० [सं०] १ सस्तूरो । २ गय नाकुली । ३ मार्गीयव-सा पु० [ स० ] एक प्रकार का सामगान । बिल्ली। मादा बिल्ली। मार्य-वि० [ मं०] १ मार्जनीय । मार्जन के योग्य । २ अन्वेपण मार्जारी टोडी-मज्ञा सी० [सं० मा नारी + हिं० टोडी ] नपूर्ण योग्य । अन्वेपणीय (को०] । जाति फो एक रागिनी जिसमें मर कोमन बर लगते हैं। मार्च -सञ्ज्ञा पु० [अ०] १ अंगरेजी तीसरा मास जो प्राय फागुन मार्जारीय-मज्ञा पुं॰ [ मं० ] १ चिल्ली । २ शूद्र । ३ वह जो मे पटता है । फरवरी के बाद और अप्रैल के पहले पड़नेवाला अपना मार्जन करता हो। कार्यगोपन (ले०) । अंगरजी महीना । २ गमन । गति । ३ सेना का कूच । सेना मार्जाल-राश पुं० [ म० ] 9 २० 'मारि'। का प्रस्थान । मार्जालीय-मग पु० [सं०] १ दिल्ली। २ शूद्र । ३ गिव | ४ माज-सज्ञा पुं० [ स०] १ मार्जन । २ विगु । ३ चोवी । एक ऋपि या नाम । ५ ० 'मारीिय' । माजक-वि० [सं०] [वि॰ स्त्री० मार्जिका ] मार्जन या सफाई करनवाला [को०) । मार्जित' '-वि० [ स० ] स्वच्य रिया हुआ । साफ किया हुअा । मार्जन-सज्ञा स्त्री० [ म०] १ माफ करने का भाव । निर्मल करना । माजित-मज्ञा पुं॰ [सं० ] [ ग्री० मार्मिता ] एक प्रकार का प्राचीन खाद्य पदाय। स्वच्छ करना । २ मनो द्वारा शरीर पर जल छिडकना जो विशेप-यह दही, चीनी, शहद, घृत और मिर्च आदि को कुणा द्वारा किया जाता है। उ०—फिर इम जल से मैं मार्जन गिलाकर और उसमे गपूर डा नकर बनाया जाता था। इसको करूगा ।-भारतेंदु० ग्र०, भा. १, पृ. २७१ । २ मफाई । 'रमाला' भी कहते हैं। ३ लोध का वृक्ष । ४ लाघ । श्वेत और रक्त लोन । ५ अातुगे के लिये विहित एक प्रकार का स्नान जिसमें शिर नही भिगाते मातंड ड-सज्ञा पुं० [सं० मार्तण्ड ] १ सूर्य । २ ये अथवा गीले वस्त्र से शरीर पोछते थे (को०)। ७ नहाना । का वृक्ष । ३ सूपर । ४ मोनामसी।" एक सख्या। स्नान करना। १२ की मख्या क्योकि मूर्य १२ कह गए है (को॰) । मार्जना-सञ्ज्ञा स्त्री॰ [ मं०] १ नफाई। मार्जन । मार्तडवल्लभा-मञ्ज्ञा स्त्री० [० माण्डवल्लभा ] सूर्य को पत्नी । २ क्षमा। छाया। माफी । ३ मृदगध्वनि । मार्तिक -वि० [सं० ] मृतिकानिर्मित । मिट्टी से बना हुआ (को॰] । मार्जनी'-संज्ञा स्त्री० [ ] १ झाडू। समार्जनी । बुहारी । उ०- उडती अल जटा बनी, यो०-मतिकशकत = मिट्टी का टुकडा । मृत्तिका पिंड । बनने को प्रिय पाद मार्जनी। -साकेत, पृ० ३२२ । २ सगीत मे मध्यम स्वर की चार मार्तिक-सज्ञा पुं० १ कसोरा । पुरवा । २ शराय । श्रुतियो मे मे प्रातम श्रुति । ३ रजकी । घोविन (को०)। मात्तिकावत-सज्ञा पुं॰ [ स० ] १ पुराणानुमार चेदि नामक राज्य मार्जनी-सञ्ज्ञा पु० [ म० माजनिन् ] अग्नि । अनल [को॰] । का एक प्राचीन नगर । २ उम देश का निवामो। मार्जनीय'-सञ्ज्ञा पु० [स०] अग्नि । मार्त्य-वि० [सं० ] नश्वर । मरणशील । मार्जनीय-वि० मार्जन करने योग्य । मार्त्य -मज्ञा पुं० [सं० नश्वरता । अनित्यता । मरणशीलता । मार्जार-सञ्ज्ञा पु० [ म० ] [ सो मार्जारी ] १ विलार । विल्ली -सशा पु० [सं० मादन ] वह व्यक्ति जो मृदग वजाता हो। २ लाल चौता ( वृक्ष ) । ३ पूतिमासा । मदग बजानवाला । २ नगर । शहर [को०) । मार्जारकठ सझा पुं० [सं० मार्जारकण्ठ ] मोर । मादगिक-वि० [ माद6ि ] मृदगवादक । मृदग वजानेवाला । मार्जारक-राशा पुं० [ स०] १. मोर । २ विल्ली। मादव- सज्ञा पुं० [सं०] १ ग्रहकार का त्याग । अभिमान रहित होना। २. दूसरे को दु खी देखकर दुखी होना । ३ सरलता । मार्जारकरण-सञ्ज्ञा पुं॰ [स० ] रति की एक मुद्रा । एक प्रकार का ४ एक प्राचीन सकर जाति । इस जाति के लोग बहुत मृदु रतिवध (को०] । स्वभाव के होते थे । ५ मृदुता । कोमलता (को०) । मार्जारकणिका-सञ्ज्ञा स्त्री॰ [ स० ] चामुडा का एक नाम । मार्दीक -सज्ञा पुं० [सं०] अगूर को शराब । मार्जारकर्णी-सज्ञा स्त्री॰ [ स० ] चामुडा [को॰] । माफत-अव्य० [अ० माफ़त ] द्वारा। जरिए से। जैसे,—आपकी मार्जारगधा-सञ्चा पु० स० मार्जारगन्धा ] मुद्गपर्यो। मार्फत सब काम हो जायगा। प्राक या मदार म० मार्दग-