पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग 8.djvu/२१९

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-मान २६७ मुवक्किल - एकागती .. '~" [": ITA - 918 917) frítar नि० प्र०-परना ।-रमना ।-होना । 11-प्रादि दानपाना। मुना वाला। मुलुक पु-न. पु० [अ० मुल्क ] " 'गु'क' । उ०-जिव तारन के हेतु मुगुन फिरते बहुतेरा ।-नटू, भा० १, पृ०३ । ("65570) ठी'। मुलेठा (~1ो. [ सं० (मायष्टि) मूगयी, प्रा० मू नयट्टो ] धुंधचो 17 (=F24 )-- (प्र.)] १ जिनमा या गुजा नाम की गना को जर जो मौषध काम मे गाती गी। करती। है। जठ नधु । मुट्ठी। नः'।..---'म 317 नरोज करे विशेष-यह पानी को बहुत प्रसिद्ध और अच्छी ग्रोपाध मानी 71-7 ( 7718 ) जाती है। बंधक मे शो मधुर, गीता, यलकारक, नतो के 14. j intii 17.1 30 प्राठाट लिये तिहारी, नीय जन स नया पित्त, वात, सूजन, विप, पमा, THREETiगमा कासात मटा निम्न तृणा, ग्लानि प्रौर क्षय राग का नाशक माना है। गफा गत 7171.-7a17 (7770) नो पार किना जाता है जो कारो रग का होता हूँ और [07 त ] . पापा में मिलता। एक चाजारा मे 'रु युगम' के नाम में मिलता है। यह नाधारण जा FTII:मन । २. राम। का पेना अधिक गुणकारा समझा जाता है। 171.51717 l पा-याटमधु । क्लीता। मधु । यष्टिका। मधुरतमा । । [य० ला+ (प्रत्य॰)] या जिगने मधुम । मधुवनी । म पृती । मधुररसा । घतिरगा । मधुरनमा । मा.नान हो। परिसि। सापापहा । सौम्या। गुना 701 -- JI FI मिन गदंगी। मुल्क-7.1 पु० [अ०] १ दश । २ गगा। प्रात । प्रदेण । उ०- गुगनिम 5. [ ' ० मुनाजिम ] ? पाग नाता । पन्तुत मुल्का यह तुझको शहरयार मुबारक होए ।-भारतेंदु २०, - मति मनवाना। २ गोर। चाकर। भा० १, पृ० ५४२ । ३. ससार । जगत् । मादाग। यो-मुल्कगीरी । मुकदारी = शासन । अधिक । मुन्करानी - गाजिमन- [१० गुलाजिमा] सेवा। नौकरी । राज्यशानन । राज्यप्रथ। IIT113 - 127 ही गवार पर गयगढ मे मुल्कगोरी-गना रनी० [ ] दश पर अधिकार प्राप्त करना । मुन्ना मारो यो।-तुन नि० प्र०, ६ । जीतना। मुलाम ---- [ मृतापम 'मुनायम'। गुल्को-वि० [अ० मुल्क- ई (प्रत्य॰)] १ देरा मधो । दगी। २. गुन्जायम--- 18 may37711 IT711? अगनित। जा तना गनमी न हा। ३ गासन या व्यवसा TITI मद। पी। दाग,-भागय । गवार गु। नानुक। गुगुमार । ४ मुल्तजी--- पुं० [अ० ] निवेदन करनेवासा । प्रार्थो । AT र नामा विचार प्रापि न हो। मुल्तवी-५० [अ०] रोक दिया गया हो। जिगमा गगय पाग --.)- IPL मार ।। (7) जग मुलायम हा दिया गया हो। म्यागत । द० 'मुतती' । ६. पूरानो नरीमा । मुल्ल'-TI पुं० [ 10 ] वर पक्षी जो पापार जान मे गनिय 11 - 177 1771 = 'THE VIU SA 77711 बाउ दिया जाता है कि उसे देवार भार पक्षी वाकर जान म - धारा - ) भागन। () पर जान फो। मुटा । मुल। 1:- । (6)रना गलम प्राप्त मुल्लदा -वि. [10] वन अधिक मौवा गादा । पापा । पूर्व । PF 1 (","TTPार गरमाना । गुलना-फ्रि० ० [सं० मृत्यन ] भात पाना । 30-यवहार शाम होगा मुमुरि गित तीन प्राति पयग-कीति, १० २८ । मुल्ना- पु. [१०] मुसमाना पा प्राचार्य या पुगेरिन । मुगमना- [F • मुलायम] द पा नौनी। उ०-मामिगर प्रधुन, माजी मुन्ना कार | fill पातना निकाह चाय-मापारण/०, पृ० ७० । (17451] . 1945. cit mi मुवाल।" [१०] १. जिगार गौड़ा गया ।। THI २ र नापमा पर कही। .: 57131 शिल- 1- [10]रा पान friयेई मानिया का पानाबरका a पवयी। - 1 To -