पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग 8.djvu/५४५

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लुगरा ४३०४ लुठित लहर लेत लहँगा की लुगी लाल रंगी रंगहेरा की।-देव जाना । डाकुमो के हाथ धन खोना । जैसे,—रास्ते में बहुत (शब्द०) । ३ फटा पुराना कपडा । लत्ता । से मुमाफिर लुट गए। लुगरा -सज्ञा पुं॰ [देश॰] पीठ पीछे वुराई करनेवाला । चुगलखोर । मुहा०-घर लुटना = घर का माल चोरी जाना या अपहृत होना। लुगरी'-सज्ञा स्त्री० [हिं० लुगरा ] फटी पुरानी धोती । २ तबाह होना । बरवाद होना । सर्वस्व खोना । ३ बलि जाना। न्यौछावर होना । मुग्ध होना । लुगरी २- सज्ञा स्त्री॰ [ देश० ] पीठ पीछे की हुई निंदा । चुगली । सयो क्रि०-जाना। लुगाई-सञ्ज्ञा स्त्री० [हिं० लोग ] स्त्री। भारत । उ०—(क) लगलगा वातनि अलग लग लगी प्राव लोगन की लग ज्यो लुगाइन लुटना-क्रि० अ० [सं० लुण्ठन ] दे० 'लुठना' । की लागरी ।—देव (शब्द०)। (ख) प्रौध तजी मग वास के लुटरना-क्रि० अ० [हिं० लोटना ] दे॰ 'लुढ़कना' । २ लोटना । रूप ज्यो पथ के साथ ज्यो लोग लुगाई।-तुलसी (शब्द॰) । लुटरा-वि० [हिं० लटूरा] [ वि० स्त्री० लुटुरी ] घूघरदार । कुचित । २ पली । जोरू। लुटाना--क्रि० स० [हिं० लूट गा का प्रेर० रूप ] १ दूसरे को लूटने लुगात-सञ्ज्ञा पुं० [अ० लुगात ] १ लुगत का बहुवचन । २ शब्द देना । डाकुप्रो श्रादि को छीन लेने देना । जैसे,—तुम रात को सग्रह । शब्दकोश । जैसे, नूर उल् लुगात । टल गए और हमारा माल लुटा दिया। ३ मुफ्त मे देना। लुगी -सबा स्त्री॰ [हिं० लूगा ] १ छोटा कपडा । २ फटी पुरानी विना पूरा मूल्य लिए दे देना। जमे, तुम्हारा माल है, चाहे घोती। २ लहंगे का सजाफ या चौडा किनारा। उ०-पीरे योही लुटा दो। ३ वरवाद करना । व्यर्थ फेंकना या व्यय अंचरान स्वेत लुगरा लहरि लेत लुगी लहँगा की रंगी रगी करना। ४ मुट्ठी भर भर चारो ओर इसलिये फेंकना जिसम रगहेरा की।देव (शब्द०)। जो चाहे, सो ले। बहुतायत से वांटना। स्वच्छद वितरण लुगुरा -सशा पुं० [हिं० लूगा ] दे० 'लुगरा'। करना । सबको बिना रोक टोक देना। प्रधाधुध दान करना । लुग्गा-सज्ञा पुं० [हिं० लूगा ] दे॰ 'लूगा' । उ०-चूर चूर देख्यो जैसे-बरात मे उसने खूब रपरा लुटाए । जव सुग्गा । शकुनि नैन पोछत लै लुग्गा |-गोपाल (शब्द॰) । सयो क्रि०—देना। लुघड़ना-क्रि० अ० [ स० लुण्ठन ] दे० 'लुढ़कना' । लुटावनाgt - क्रि० स० [हिं० लूटना का प्रेर० रूप] दे० 'लुटाना' । लुचकना-क्रि० स० [सं० लुश्चन (= नोचना खसोटना) ] दूसरे के लुटिया - सञ्ज्ञा स्त्री० [हिं० लोटा+इया (प्रत्य॰)] जल भरने या रखने हाथ से झटका देकर ले लेना । झटके से छीनना । जैसे,-वह का वातु का छोटा वरतन | छाटा लोटा। मेरे हाथ से मिठाई लुचककर ले गया । लुटेरवा -सञ्ज्ञा पुं० [हिं० लुटेरा ] एक प्रकार को पक्षी। सयो० क्रि०-लेना। लुटेरा-सञ्ज्ञा पुं० [हिं० लूटना + एरा (प्रत्य)] जबरदस्ती छीन लेने- लुचरी-सचा सी० [हिं० लुचुई + री (प्रत्य॰) ] दे० 'लुबुई' । वाला । डर दिखाकर या मार पीटकर दूसरे का माल ले लेने- लुचवाना-क्रि० स० [सं० लुञ्चन ] नोचवाना । वाला । लूटनेवाला । डाकू। दस्यु । उखडवाना। चोथवाना। लुटटुर'- '-सशा स्त्री॰ [देश॰] वह भेड जिसके कान छोटे हो । (गडेरिए)। लुचुई।-सशा स्त्री॰ [ सं० रुचि, मा० लुचि] मैदे की पतली और लुटुरी '-वि० [हिं० लटूरा ] घुघराला (केश) । मुलायम पूरी । लूची । उ०-लुचुई पूरि सुहारी पूरी। इक तो लुठन-तशा पुं० [सं० । किसी वस्तु के लुकने, ढरकने और लोटने ताती भौ सुठ कवरी ।- जायसी (शब्द॰) । की क्रिया या भाव को०] । लुच्चा-वि० [हिं० लुचकना ] [ वि० स्त्री० लुच्ची ] १ दूसरे के हाथ से लुठना-क्रि० प्र० स० लुठन] १ भूमि पर पडना । सारा शरीर वस्तु लुचककर भागनेवाला । चाई। २ दुराचारी । कुमार्गी । पृथ्वी से लगाए हुए पहना। लोटना। उ०-राम मखा ऋपि कुचाला । ३ खोटा । कमीना । ल फगा। शोहदा । वदमाश | वरबम भेंटा । जनु महि लुप्त सनेह समेटा। - तुलसी (शब्द॰) । लुच्ची-वि० सी० [हिं० लुच्चा ] खोटी या वदमाश (औरत)। २ पृथ्वी पर नीचे ऊपर फिरते हुए बढना लुढकना। लुच्ची-सञ्ज्ञा स्त्री॰ [ म० रुचि, मा० लुचि ] दे० 'लुचुई' । लुठाना-क्रि स० [हिं० लुटना ] १ भूमि पर या नीचे डालना। लुज्जा-सशा पु० [ देश० ] समुद्र मे वह स्थल जो बहुत गहरा हो। लोटाना । उ०-माथो चरणारविंद कार लुठाय रघुराय सु (लश०) । उठाय किया छाती सो लगावनो।-हृदयराम (शब्द०)। २ लुटत-सञ्ज्ञा स्त्री॰ [हिं० लूट ] लूट । लुढ काना। लुटकना-क्रि० म० [सं० लडन (= झूलना)] दे० 'लटकना' । उ० - लुठित'-वि० [सं० ] लुढका हुआ । जमीन पर लेटा या ढरका हुआ गजगाह निहारि निगाह पुरै मुकुता लर पायन लौ लुटके। जैसे,—भूलुठित [को॰] । गोपाल (शब्द०)। लुठित'-सज्ञा पुं० जमीन पर लोटना। भूमि पर लोटना । जैसे, घोडे लुटना'-क्रि० प्र० [सं० / लुट् (= लुटना)] १ दूसरे के द्वारा लूटा आदि का [को०। गमन करना।