पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर (भाग 1).pdf/१८२

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१२१ विगेप---गा देवता पखंगार धर्यात नि । rift 7 प्रजम'-- ८ । निः ; 7 रन । ६ [१०] । गर न प हैं। इस प ही गया एक दिन प्रौ' रान में 25-- हा ५० || " " । "पा 7 * * २१, ६०० मानी गई है। ' त्रि. निक ६ : २० ] । यी०--7मगाजप, प्रजपाजप = म मन्न । न । उ०-८पा- जगदा--[i० {० द वा ] ३० 'PE ।। माप उनमन नारी ।--उबीर ग्र०, १० १५८ 1 अजपा ८ प्रमोद---- ८ र [१०] [ मी प्रमादि] घ 7 ! र पपा जपन यी मला या प्रपि।। 2०-- नमन। | 1 * * घोर डर पर। । मतदान । भन्न जपध है पपा माला ---पटू०, ना० १, पृ० १०० । विगैर--- T F 1 जना । ज ना आने २ बरग्या का पनन । गडेरिया । पर ध; म गई है। मह पर, F । अजपा---गधा पुं० [सं०] एप इंद्र (०१ ।। त; मगर । १ १ १ * त्रिः प्रदि । प्रजपाल-मसा पु० [मुं०] वय पाने का म्यवाप गराउ प०-८ग्रधा। गंघदा । शिमोदी | चौपि । यति। ३०--'पक, अपान और व्यापारी मार्ग में ग्विये गयटी । एरो । सनयमानी । तारयो । भागवद सूचः मत्र हैं' 1--हिट० मध्यन, पृ० १२ । । अजमोदा---- ० [६० ६० ' ना'| T० ]। अजवधु-भज्ञा पुं० [म० अजयन्यु) मूग्यं । आज के जमाने मद बुद्धि- जमोदिया-- ० }२०] ६० ‘पम!: [[]। याना व्ययित (फो०] । अजय---", पुं० [२] १ परराज्य । र । जप गा ममाये | अजव'--वि० [ 9 ] दिनदग । पदभूत । अ श्यंजनः । यिनि । ३. प्रग्नि {१०) :. दिए (०) । १, र मोनार या अना। अनूठा । ३०--पारी fiनि पारी घटा, य च रनि नाम (३०) । ५.cण, द में ७१ प्रे) में में पार्गि पारे नाग । पारे कन्दर पे ६ती, सज्वे नगन की लाग ।-- ७० ग’ र १३ नु मिरर ८२ वर्ग र ११२ पायर (३० ) । माते ।। अजव--सा पु० अचमा । अचरज (ो०] । अजय--१० न ने योग्य । जो जीना ने रे । धद । अजवस---क्रि० वि० [फा०] ए कः । ३०--नगे गुन्शन पे प्रजचम इ०-*, नि । न पनप ररर । माया में सरि f/ न | गम के हाप ---दविन०, पृ० १९१ । ३ --मानम् ६१३।। अजभक्ष-सः पुं० [सं०] वर का पेड़ जिस की पत्ती बपरिया अधिक अजयपान्न--4 d० [म ०] १ गीत गै र ग त हुन । Fधव ॥ प्रातः ।। विशेष--- न ।ft / उगि है। इन द शुद्ध पर ननो अजम--सपा पुं० [अ०] अरब के अलावा रान, तूर, दि देर । । २ । राजा नाग । ३. जगाउगोदा। यदा यहाँ पे भिवानी । ३०--रव और प्रजम तुम हाजिर अज्या -मु) ० [सं०] १. गियी । नगि । २. दू 0 री च रूम !--दक्यिनी, पृ० २१३।। या नाम (६०) । ३. मार (को०)। अजमत--सुद्धा पु० [अ० प्रजमत ] १. प्रमृत्य । प्रापि । शनि । अजया'-- झी० [R० प्रजा २ । ३०-~-1ोन पर विराम मत्व । उ०-५की उल्फा ईसा की राव अजमन जि , धनी म इदि । प्रजा गज का राम राई, निंद | मिदागा -- भारतेंदु , भा॰ २, पृ० ८५६ । २. नमःजार ।। ९ ६ :--- - (६०)। अजमाइश+--सा नी० [फा० शाजमाइश) १० 'मा'माइमा' । झाय--० [२०] १. ४ । ३। न न ज मरे । ३. ना मैं ग्रजमाना--क्रि० स० [हिं०] दे० 'जमाना' ।। | (३०) । अजमायु--वि० [सं०] वर्कर की तरह निमियानेवाला (को०)। | अज्ञः-- i- [९] १ निः । ६ (२० । ३ पर । अजमार-- q० [सं०] १ पराई । ३ अजमेर पहा । नाम । ३. - "7 : ज़ा । इदा पा र नारि एम जाति ]।। अजमी-वि० [अ०] घजम संदर्यी । प्रेम । | ०]। अग:---१० १ । । यदः । । ३०---7 अमर । अजमी'.- १० मनम या नियानी व्यथिन । ईरानी तुरानी 11 ।। *f; * -ई। :- f; f: ---मान, अजमीढ़-सः पुं० [सं० प्रज्मीद] १ घरमैः मा पुरी गम । १८१ ।'. ।। 1 । । २ दु र्गय रिता में एट पुदा । नाम। ३ ।

  • * * * ॥ Fi 4 ( जर ) । ना] प्रदद। पुत्र 5 Y नाम । ४ दुधिष्टि गाधि [२०] ।
    । --- ** * * * * * * * | अनमय'.--भदा १० [स०] दर प्र ति । इ' गन {१८} !

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