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ॐ
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if ॥ ५ Y ॥ Y T ३७३ •
विशेषण का प्रयोग पदों की पुनरुक्ति विशेषण और भाववाचक संज्ञा अनेक-कर्तृक या अनेफ-कर्मक क्रियाएँ उद्देश्य और विधेय की भिन्न-लिङ्गतः । सर्वनाम के प्रयोग अंग्रेजी के तद्रूप शब्द संस्कृत-शब्दों के ग्रहण में विवेक कविता की भाषा अननुनासिक-अनुनासिक स्वर विभक्तियों का प्रयोग विराम-चिह्न । वाक्य के प्रकार
उत्तरार्द्ध
(३८५-५,१६ )
प्रथम अध्याय क्रिया-प्रकरण क्रिया-प्रद क्रियाओं के मूल रूप-धातु धातुओं की उत्पत्ति और उनके प्रयोग •••
- पुरुष' और 'वचन' ।
- सिद्ध’ और ‘साध्य क्रियाएँ
- सिद्ध’ निश्चित और ‘साध्य'-अनिश्चित
हिन्दी-धातुओं के प्रत्यय “दाच्य’-विवेचन : हिन्दी की तिङन्त क्रियाएँ कूदन्त क्रियाएँ संस्कृत से एक मौलिक भेद काल-संबन्धी कुछ बातें द्विकर्मक क्रियाएँ ३८५-५१६ ३८५ ३६७ ३६८ ४०२ ४०३ ४७८ ४१२ ४२० ४२४