पृष्ठ:हिंदू राज्यतंत्र.djvu/४

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गण शासन-प्रणालीवाले जिन वृष्णियों, कठों, वैशालों और शाक्यों ने देवों, मृत्यु, नृशंसता और जातिबंधनों से सुक्त करनेवाले दर्शनों की घोषणा की थी, उन्हीं की स्मृति को समर्पित।