पृष्ठ:हिंदू राज्यतंत्र.djvu/४२१

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[ २२ ] शांतिपर्व ३, ५, ६, ३६, ५८; शुक्रनीति-१८०. ८३, १४४; १५३, १६०, शुक्रनीतिसार- २०५६ २१८; २४०, २८३, शुक्ल यजुर्वेद-२४, २६. २८म, २८६ ३१३. शुचिकर्ण-१२३. शाल-५५, १५३,२४६, ३६५. शुद्धोदन- शाक्य-७ -७३, ७५, ७६; ७७; शुनःशेफ-३३२. १३२; १४०, १६७ १६८, शूद-४७, २५७. २२७, ३०६, ३१०, ३५४. श्वाफल्क-६१. शाक्यमान-२६६ श्रावण-३५३. शान-जी-३०६. श्रावस्ती-३८. शापिडि निकाय-६७ श्रीकृष्ण-६२, २७५, २८६ शाम शास्त्री-६६, १५२. २६०. शालंक-२६५. अन्न-२२३. शालकायन-२२१; २६४, २६५, श्रेणी-६२, ६४, १५, १६,१२० श्रौन-२२३. शैव्य- -१०८. शालंकायनत्रय-२३६. श्वेतकेतु (भारुण्य गौतम)- शिशुसार पहाड़ी-७४. १४; १६, १८, ३११, ३६६. शिन-३५२. श्वेत धातु ( निकल)-३४५. शिनि-६१, ६२. शिवि–१०८; १०६; ११६; १२१, शैशुनाक-६०. १२५, २३६, २५३, २५६, शौन-२५७. शौद्रायण-२५७. शिमला-१३१. प शिवाजी- षष्ठ-निगत-२७७. शीन-३५१. संकल-१००, १०३.