पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टम भाग.djvu/११३

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१.२ अमनौ पक्ष रोमन कलिक चाचं । विसमार्कका मत यह था | उद्देश्य था। वे यह भी चाहते थे कि धमाश्य घ्यक्ति प्रचुर कि धर्म सम्प्रदाय राजनैतिक स्रोतसे वाहर अवस्यान | धनको सिर्फ अपने हो काममें खर्च न कर पावें। किन्तु .. फरे। इसीलिए जब रिकष्टग ममा निर्वाचनमें ६३ | इससे जर्मनोका शासक सम्प्रदाय डर गया। विममार्क. प्रतिनिधि रोमन कैथलिकों में से चुने गये, तब वे उनके को समाजतन्ववादियों पर यथार्थ में बड़ी घण घो। . . विरुद्द खड़े हुए। इस युद्धका पापात प्रतीयमान कारण | एफ पोर तो विविध कठिन दण्डमूलक पाईन बना कर । यह है कि १८७० ई में जब "पोप भूल नहीं कर | उनशे पान्दोलनको दबानको चेष्टा करते थे और दूसरी सकते" यह नोति घोपित दुई, तब कुछ कैथलिक विश· | और यमजोयो सम्प्रदायको अवस्थाको उमति कर उन. पोंने पुरातन कैथलिकका नाम ग्रहण कर उक्त नीतिको की महानुभूति राष्ट्र के लिए पार्पित करने का प्रयाम अस्वीकार किया। कैथलिक सम्प्रदाय पुरातन कैथलि | करते थे। परन्तु कुछ भी फल न हुपा । ममाजसन्ध- कोको विश्वविद्यालय और धर्ममन्दिरादिसे पक्षिप्त वादियों में दिनों दिन नवोन शक्तिका ग्रायिर्भाव होने करने पर उतारू हो गया। परन्तु प्रसियाके राष्ट्रने उन | लगा। १८८० में उन लोगों ने रिकष्टग महामभामें सोगोंको टूरोभूत करना नहीं चाहा। बस, इसोसे विवाद | ३५ प्रतिनिधि भेजे फिर क्या था, यिसमा स्वय राष्ट्र के को उत्पत्ति हो गई। १८७२ ई.में सामाज्यको महा- | अधीन समाजतम्त नीतिक प्रवर्तनको पेश करने लगे। सभाने जेस्य इट नामके कैथलिक धर्म सम्प्रदायको हो । State Socinlism को एक प्रकारको विधि हम पपने जर्मनीने निकाल दिया । पिसमा ने समझा कि देयके कौटिल्य अर्थ गामा में पाते हैं। परन्तु यूरोपमे.. गर्म नीकी एकताफे विरोधियोंने इस धर्म य इको प्रवः । ऐसो नौसिके प्रवर्तक पहले पन यिनमा होइए हैं। तारणा की है। इसलिये उन्होंने सारी शक्तिको उसके । इन्होने नाना प्रकारको वीमाकम्पनियोका प्रवनन कर " निवारण के लिए लगा दी। उन्होंने कान न बना दिया यमनीषियों को अवस्थाको उवति की घो। कि कैथलिक लोग किसी तरह भो राष्ट्रके कार्य में हस्त १८७८ में विसमार्क ने बाणिज्यनोसिमें मंरक्षण पन कर मकेगे। विवाह कार्य भी उन्होंने पुरी. शीलता अवनमन कर यूरोप में एक विराट, परिवर्तनको हित सम्प्रदायके हाथमे ले कर राष्ट्र के पधीन कर दिया। सटि को । उनके दो उद्देश्य थे, एक भाम्राज्यको पाय धमके विरुण पलिको नेतोष प्रतिवाद किया। परि. बढ़ाना और दूसरा देशोय शिस्पियोंकी. उत्साहित णाम यह हुमा कि भीषण विवादको सृष्टि हो गई । करना । म विषयम, रंगल गड़के विरुष म होने पर १८७७१ में जय देखा कि कैथलिक लोग रिफटग भी ये कतकार्य हुए थे। विममा को नोतिके कारण मभामें सिर्फ ८२ प्रतिनिधि ही मज पाये हैं, तम विसी जर्मनी धन एकत्र करने में समर्थ हुमाया। .. . मार्क ने एनके साथ छया युद्ध न कर पन्य कार्यमें मन लिममा ने अपने कर्ममय जोयमगैपमागम लगाया। उन्होंने फिर धर्म-सम्बन्धीय नीतिमें परिवर्तन जमन मम्प दायको बहुल विस्टासिके लिए पोपनिषंगिक कर कथतिकों की महानुभूति प्राग को। ममनी माम्राज्य स्थापन करने का प्रयाम किया। अब उन्होंने मुख्यतः प्रोटेदाट धर्मावलम्पियों हारा मध्य सित होने पर वाणिज्यमें सरक्षणनोतिका अवलम्बन किया था, तब भी कंपनियों ने तो यहाको महासभामें प्राधान्य प्राप्त उन्हें जम मौके बाहर प्रस्तुमद्रयके मेधके लिए बाध्यतामे किया था। उपनिवेग स्यापित करना पड़ा। पाकि यदि ये मारकी १८७८ म पिसमा मे धर्ममीके समाजतन्यः चीन पपने देगम न भने देते. तो पतिको पया पढ़ो दादिया विषपान्दोमन ठाया। जर्मनीमें ममान यो जो जानो चोनों को अपने देगर्भ पाम देत । म कमायादियोमा एफ टन १८४८१ से ही पता पा रहा लिए १८८४ में ये यणिकी और ममापारियों को उता दल के नोग वाधीनताके उपासक थे, सर्वतो. उपनियेग म्यापनके कार्य में 'ययोचिय टमार ने नगे। भावगे भी और पुरुषोंको साधीनता मिले, यहो उनका उमो वर्ष ज्ञानीने पफरोका दनिप्प य पपिम मागमें