पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष एकविंश भाग.djvu/१७३

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वायुविज्ञान, उत्पादन करता है और पात्रमें नाइट्रोजन वाकी रह जाता विधाविद पण्डितोंने गनेक उगायाँस पायशिका उपा. है। बहुत अधिक उत्तापसे यह लोहितवर्ण पदार्थ पिश्लिए दान विश्लेषण कर उसका परिमाण स्थिर किया है। हो कर फिर . यह पारा और अक्सिजन बाप्प-इन दो भाज फलके पण्डिताने घायुके जिन उपादानी गौर परि- पदार्थों में परिणत हो जाता है। अक्सिजन अलग माणों का प्रदर्शन किया है, उनकी फिहरिस्त नोचे दो करनेका उपाय इस तरह है- जाता है- ...तुम एक कांचके नल में रेसु अकमाइ माय मरकुरी अक्सिजन २०.६१ :, नामक पदार्थको रख कर इसे गर्म करो। थोड़ी देरफे वाद नाइट्रोजन ७.६५ . . एक बत्ती जला कर उसे इस तरह बुझा दे कि उसके जलीय. पाप। १.४०, . मुह पर अग्निस्फुलिङ्गमौजूद रहे। इस नोकदार पत्तोको फार्यानिक ऐनाइडाइट ०.०४ । माग नलमें घुसेड़ते ही यह जल उठेगा। इसका कारण ' - सिवा इनके ओजोन (Ozone) नाइटिक एसिड, आमो. यह है कि उक्त रेड अक साइड आय मरयुरी उत्तापके निमा कारिटेनहाइयोजन और प्रधान प्रधान शहरको फलसे पारा और पिसजन वाष्पमें विशिलए हो जाता | चायुमै सालफॉरेटेड हाइदोजन और सलपयूरस पसिड है। अक्सिजन गेसमें जलनेवाली शक्ति यहुत. प्राल है। दिखाई देते हैं। मिवा"इनके तरह तरह के उद्देय सातपय इसमें अग्निकणाका संयोग होते हो यह नोरोसे यान्त्रिक पदार्थ ( Volatile organic matter ), रोगो- जल उठता है। त्पादक योज, (Pathogenic Cerms ) और माइक्रोय पक्षनिष्टिन या प्राचीन सिद्धान्त। (aticrobe ) वायुमें उहते फिरते हैं। . . अब नाइट्रोजनकी बात कही जायेगी। पहले ही कहा ...अभिनय मूल पदार्थ । .. गया है, कि सन् १७७२ ई० में पढिनवराके सुविख्यात पैज्ञानिक डाफ्टर रांदरफोर्डने नाइट्रोजन पदार्थको वाय- .. सिवा इनके विशुद्ध यायमें इस समय गरि भो से अलग किया। उन्होंने इसका lephitic air नाम कितने ही मूल पदाथ आयत १५६४ रेखा। इसके बाद डाक्तर मिटलीने इसका Phlogistic | विज्ञानविद् लाई राले ( Lord Rateigh) और यूनि- cited air नाम रखा। वायुसे नाइट्रोजन निकालनेके वरसिटी कालेजके रसायनशास्त्र अध्यापक विलियम बहुमेरे उपाय हैं । यहां उन सोका उलेख करना रामसे ( willlam Ramsay ) इन दोनों वैज्ञानिक भप्रासनिक बोध होता है। जो हो, १८वों सदी । पण्डितोंने प्रभूत अर्थ ध्यय और खूप जांच पड़ताल कर रसायन विज्ञान में जो सब पदार्थ चाय के उपादान कहे याय में पांच अभिनय मूलपदार्थों को देता है। जैसे-- जाते थे, उनको एक फिहरिस्त नीचे दी जाती है- आर्गन (Argon ), हेलियांम (lletium ), नीयन १ डिपलजिटिकेटेड एयर या अक्सिजन !... (Neon ), कोपटन (Crypton) और जीनन (Xeno..) - २फ्लजिटिफेटेड पयर या. नाइट्रोजन। . ये पांच पदार्थ वाययोय हैं। , " ३ नाइद्रास पयर या नाइट्रिक अपमा। .. .: . वायु में हारडोजन । . .. ..४ डिपलजिटिप टेड नाइट्रास एयर या नादास । १८वीं सदीक रासायनिक पपिहन यह जानते थे, अपसाइट। कि यायुमें हाइट्रोजन है। किन्तु ये हारदोजन नाम नहीं ५६नफ्लेमेवल एयर या हाइट्रोजन। . .. जानते थे। इस समय कोई यह खुल कर नहीं बनाए, ६ फिक्सड पर कायोंमिश पसिष्ट। गि यायुमें दादोजना है किन्तु सुविधान कागती ७ सालप लाइन एयर या मामोनिया । पण्डित गाउटे - (Gantier) ने बहुत परीक्षा एक निर्णय

. पायुके उपादानके विश्यमें आधुनिक सिद्धान्त। . किया है, कि हासन नामक मूलपारिशुदाया.

इस समय पे नाम छोड़ दिये गपे हैं। रसायम- में सक्ष:पायुमै विद्यमान रहता. प्रति दश हजार