पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष भाग 1.djvu/७०५

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अफरौका होने से पहले ही अंगरेजीने अटलाण्टिकके सेण्ट पड़तौ। युरोपीय और एशियायो आक्रमणकारी हेलन और भारत-महासागरके मारिशश आदि होप यहां ज्वार, चावल, ऊख, नारङ्गी, नीबू, बिजोरा, पर अपना अधिकार जमा दिया था। सन् १८८६ लौंग, तम्बाकू, दूसरी सब्जी और ऊंट, घोड़ा ई०को २३वीं अप्रेलको सकोत्रा और सन १८८० ई० आदि जानवर तो लाये, किन्तु इसके व्यापारको में सुलतान्के जञ्जीबार, पेम्बा और कुछ दूसरे हौप अधिक उन्नति कर न सके। यहां भीतरौ प्रान्तसे भी अंगरेजोंकी रक्षामें पहुंचे। फान्सने सन् ई० के समाचार न आने-जाने, सागर-उपकूलको भूमि १७वें शताब्दमें रियूनियनपर अधिकार जमाया था, रोगोत्पादक होने और लोगोंके अधिक पैदा न कर किन्तु सन् १८८६ ई के अप्रेल माससे पहले कोमोरो सकनेसे व्यापार ढीला पड़ा है। किन्तु अब रेल दीपपुञ्ज उसको रक्षामें न गया। कितने ही झगड़ेके और जहाज, चलनेसे माल मंगाने-भेजनेका कष्ट तो बाद मदागास्कर होप फ्रान्सके हाथ पड़ा था। सन् मिटा ; किन्तु नीग्रो सहज रीतिसे जीवन निर्वाह होते १८८५ ई० को १७वीं दिसम्बरको मदागास्कर होपका देख जोतने-बोनेको चिन्ता नहीं रखते। विदेशीय सम्बन्ध फान्सके अधीन हुवा। सन १८८० बंटवारा हो जाने बाद अफ.रोकाका व्यापार ई० में ग्रेट-वृटेन और जर्मनीने इस दीपपर फान्सको बढ़ानेको समग्र युरोपीयों ने कई बार मिल-जुल कर रक्षा मानी, किन्तु होवा-सरकारके नाराज़ होने पर काम चलाया है। सन् १८८४-१८८५ को तन- फान्सको फौज अपनी स्वत्व देखान भेजना पड़ी। कनफरन्सने कोङ्गो-नाइगेरमें और सन् १८८१ ई.को ३०वीं सितम्बरको ही राजधानी पर फान्सीसी | एङ्गलो-पोर्तुगीज सन्धिने जम्बे जीमें स्वतन्त्र रूपसे अधिकार हो गया था, दूसरे दिन राणी रणवेलनाने जहाज, चलाने और व्यापार बढ़ानेका अधिकार सबको फान्स-रक्षा स्वीकार कर सन्धि मान ली। सन् १८८६ दे रखा है। गुलामौ पेशा रोकनेको सन् १८८८ ई के ई०के जनवरी मास इस हीपपर फान्सीसी अधिकार नवम्बर मास बर्लिनमें कनफरन्स बैठी और सन होने की घोषणा पड़ी और ६ठीं अगस्तको यह १८८० ई०को २री जुलाईको गुलामी पेशा रोकनेका फान्सीसौ उपनिवेश बना। सन १८५७ ई. के फर कानून पास हुवा। इसतरह अफ.रौकाके लोगोंको वरी मास राणौके देशसे निकाल दिये जाने पर प्राचीन शान्तिपूर्वक कृषिबाणिज्य करनेका अवसर मिला था। शासनके चिह्न विलुप्त हुये। अफ.रोकाके कितने ही लोग अब सभ्य बन गये साधारणतः अफरौकाके बंटवार में कोई २५ वर्ष हैं। अलजीरिया, केप-कोलोनी, रोडेशिया और लगे होंगे। कितना हो अङ्ग अभी विभक्त नहीं बृटिश पूर्व अफ,रोकामें लोगोंको राजनीतिक खत्व हुवा। मोरक्को और त्रिपोलोको उत्तर-सीमा भी मिलनेसे खूब व्यवसाय बाणिज्य बढ़ा। किन्तु यहां अनिश्चित पड़ी है। अफरोका और उसके विभागका मजदूर कम मिलनेसे नेटाल और दूसरी जगह भार- ठीक हाल जानने को बड़े परिश्रमको आवश्यकता तीय और ट्रान्सवालको स्वर्णखानिमें चीना कुली निकलेगी। काम चलाते हैं। व्यापारके कारण युरोपीयोंने अफ रोका बड़े अफरौकामें निम्नलिखित वस्तु उत्पन्न होती अभिलाषसे आपसमें बांट लिया है। किन्तु सिवा हैं, वनज, कृषिज, पशुज और खनिज तेल उत्तर और दक्षिणवाले समजल-वायुसम्पन्न देशोंके बाहर बहुत भेजेंगे। यहां दक्षिण- दूसरी जगह कही भी सन् ई०के १८वें शताब्द अमेरिका जैसा रबर नहीं बनता, जिसका व्यापारको अधिक श्रीवृद्धि न हुयौ। अफ.रौकाके कारण उसे तैयार करनेको बेपरवायौ है। नारियलका उष्ण प्रान्तसे कुछ-कुछ सोना और हाथी दांत बाहर तेल अधिक न निकलेगा। पश्चिम-अफ.रोकामें लकड़ी भेजा जाता है, दूसरी चीज़ व्यापारमें चलते नहीं देख बहुत अच्छी होती है। साखू और आबनूस निहायत उत्पन्न द्रव्य