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पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष भाग 4.djvu/३२३

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1 a ३२४ काच बहुत थोड़ा कोपार्टिज, फेल्स्यार और लोहा धादि argfa (Silica), sfat (Potash रहता है । परन्तु यूरोप में कांच की बोतलों के लिये Pearl asb a wood ash ), (Soda, जो चीजें काममे लाई जाती हैं, उनमें सैकड़ा पीछे Sulphate of sõda, carbonate of soda ) ànitat ५८ भाग बालू, गन्धक क्षार, (Sulphate of soda) ( Baryta ) इन्सिया ( Strontia), चूना ( Line ) २८ भाग, चूना ११॥ भाग और उदुभिन्नाङ्गार १॥भाग att füzfait ( Alumina ), रहता है। गन्धक बार से सैकड़ा पोळे ४५ भाग चार अस्थिजधार (bone-ash ) से एक प्रकारका कांच रहता है। और काच मण्ड में सैकड़ा पीछे २८ भागमें बनता है; जिसे अंग्रेज लोग बोन ग्लास (boneglass) १३ भाग मात्र यह क्षार पड़ता है; किन्तु सज्जीमिट्टो करते हैं। से जो अङ्गार क्षार मिलता है, उसमें ३०-४० भाग कांच का भायधिक वजन करीब ३ ७३२ है। क्षार रहता है, इसी लिए भारतके कांच में और यूरोप जर्मनौके बने हुए जंगलोंमे लगाने के कांचोमें चिकनी के कांच, चार-परिमाण करीव २३ और १३.भाग बालू १०० भाग, उनिन्ज क्षार ५० भाग, खड़ियामिट्टी हो जाता है। २५ या ३० भाग, और शोरा २ भाग रहता है। इस देश में कांच पर रंग चढ़ाने के लिए लोहा, फरासीयो के (घरकोलाके दर्पणके) काँचका पाये- तांबा और सम्बलक्षार.(arsenic) काम में पाते हैं। क्षिक वजन 8८८ है। इसका रंग कुछ नीलापन को यजाबमें कांच बनानेके कारखाने हैं। वहां जिस बाल लिए हुए होता है। मिनसोके दषयका कांच कुछ पोले से कांच बनता है, वह स्वभावतः कांच सरीखी चिक रंग का होता है। नी और चार विशिष्ट होती है। उस देश में इस बालू बोहिमिया का कांच स्वच्छतामें सबसे अच्छा को रेह करते हैं। यह जिस जमीन में रहती है, वह होता है। इसका पापेक्षिक वनन ३८ है। नमीन खेती के काम में नहीं पाती। बहुत जगह यह विलायती "काउन" कांच बोडिमियाके कांचकी 'हवासे अपने पाप जम कर कांच सरीखी हो जाती तुलना करता है । इसका श्रापेक्षिक वजन र ४८७ है है। इस जमी हुई बानका रंग विलायती भिथियों को स्फटिक कांच (crystal glass) का प्राधिक तरह कुछ नीलापन को लिए हुए रहता है। इससे .वजन २ से ३२५५ तक होता है। इसमें मौसका बहुत उत्तम सफेद वर्ण का कांच बनता है। कुछ अंथ रहता है। इसका विशेष काई वर्ण नहीं। फीरोजाबाद (जिला-आगरा) में भी आज कल इसमें १०० भाग बालू, ३० या ४० भाग उडिन्नधार, कांध के कारखाने बहुत हैं। इन में चूड़ियां बहुत ६. या ७० भाग मिनियाम, ४ भाग सुहागा, ३ भाग' बनती हैं। पारा, १५ भाग सम्बल बाराम्स इत्यादि है। लण्डनके चीन में भारत की अपेक्षा कांच के कारखाने वाटल ग्बाससे वैज्ञानिक यंत्रादि बनते हैं। अधिक ससुबत हैं। दोबास कांच ( Flint glass ) सबसे परिशन चीजों कांच के भिन्न भिन्न भाषामों में नाम लिखे जाते से बनता है। इसमें १०० भाग बालू, ५• भाग उभिन्न हैं। कांच को अरवी में खियज, फारसी में-मिरे, चार, १०. भाग मिनियाम और बाकी स्फटिक की हिन्दी बंगला में कांच । इटालीमें 'भेट्रो, लाटिनमें भांति की कोई वस्तु रहती है। चुनिया काच भेट्रास, रूसियाम-'टेक्लो, स्पेनमें-'मिद्रो, तामिल ( Ruby glass ) एक प्रकार खूबसूरत स्वर्ण प्रभामय कांच है। यह परिमाण.करके बनाया जाता है और में कनाति', तैलङ्ग में 'पाङ्गा' और उर्दू में 'शीशा' कहते है। बनते समय इसके "मण्ड” में खद्रावक मिचा दिया जाता है। यह कांच जब बनता है, तब इसमें रसायन-तत्त्वके मतानुसार. कांच में निम्नलिखित कोई भी रंग नहीं रहता। बाद में फारमहीटके. चीजें रहती है-