- कारिख-कारोष ५२४ निये फरामोमियोंको सौंप दिया गया। भान भो। मारितान्त (सं० वि०) अन्तमें कारिस, किया रखने- वहां फासीमियाका अविकार है1. भारतमें उनका वाना, जिसके अन्डोरमें मुताद्दो-उल्-सुताही रहे। प्रधान स्थान पुन्दिरी है। उसी गवग्दरको देखारी (सं.पु.) करोति, गिनि। कारक, कर्मा, भानमें कारिकानका जामनकार्य निर्वाहित होता है। करनेवाला। यह योगिक शब्दके अन्त में प्राता है। चाज भी वहां फरासीसियों की साधारणतन्त्र प्रथा कारी (सं. स्त्री.) कति हिनस्ति कण्टकैरिति शेष, प्रचन्तित है। म्युनिसिपाल कौन्सिन शो छोड़ इहाँ एक व-इन-डीम्। स्वनामख्यान विशेष, एक पेड़। दूसरी सया भी है। उन लोकन कौंसिल कहते है ! यह कण्टकारी और पाकर्षकारी भेदसे दो प्रकारको उसमें नगरस्य म्वनिमयलिटीके अधिकार व्यतीत होती है। इसका संस्कृत पर्याय-कारिका, कार्या, दूधरी विणको मी अान्दोचना होती है। उसको गिरिजा और कट्पविका है। राजनिधएट के मतसे छोड़ दूमी भी एम सभा है। उसका नाम कौंसन यह कली एवं मोठी, पित्तनाशक, अम्निवर्धक, मन- जनरन्ट ( Consul General ) है। पुन्दिचे में उसका रोधक, कधिकारक, कण्हशोधक चोर भारी होती है। अधिवेशन होता है। उसमें भारतके प्रत्येक फरामोमी कामे (फा०वि०) धातक, गहरा मर्मभेदी। अधिक्षत स्थान प्रनिनिधि भेजे जाते हैं। प्रतिनिधिकारी (दि.) हामी देखी। अवघ्न प्रजा निर्धाचित होते है। उसको छोड़ कारीगर ( फा. पु.) १ शिल्यो, कारीगरी करनेवासा, फरामोसको सेनेट और डिप्टी मभाने र एक जो हायसे वाम बनाता हो। (वि०) २ निपुण, भारतीय प्रतिनिधि रहता है। वह प्रतिनिधि मारनको हुनरमन्द । प्रजा हाग निर्वाचित होते हैं। कारिकानके वन- कारीगरी (फा० स्त्री.) १ शिल्प, हाथका काम । विभाग, पूर्त विभाग और शान्तिरक्षा विभागमें एका २ रचना, वनावट। एक कर्ता (Chief) रहता है। भारतीय अंगरेज | कागजोरी (हिं० स्त्री०) कृष्णजीरक, काली जीरी। गवरनमेण्टका भी एक अंगरेज प्रतिनिधि कारि- कागेर (सं० को०) करीरस्य अवयवः, करीर-पन् । काल में निवास करता है। पलाशादिम्यो वा । मा बा१५। १ करीर फन, करीनका कारिख (हिं. स्त्री०) १ कानिमा, न्याही, कालापन । २ करौरपुष्प, करीतका फलः। करोसका ३ कन्नन्त, काजन्त। ३ कन्नड घया। फन्न कटु, ग्राही, उष्ण, रुचिप्रद, कफपित्तकर, कारिणी (मस्त्री.) करोनि, क-विनि-खाए। अपना किञ्चित् कषाय तथा वासनाशक है और पुष्प कार्य निष्पादन करनेवाली स्त्री, जो औरत अपना भेदी, कटुक, कफनाशक, पित्तकर, कषाय, रुचिकर, काम कर डालती हो। भव्य एवं पथ्यद होता है। (वैद्यकनिधण्ट्र ) कारित ( सं० वि०) क-णिच् कर्मणि का । १अन्य (वि०) २ वंशार निर्मित, दासको इड़का बना. द्वारा सम्पादित, कराया हुवा । (को०) २ किया हुवा। 8 करोरफटसम्बन्धीय, करीलके फलसे सरोकार -- विशेष, मुताही उल-गुताही। रखनेवाना। कारित (हिं० पु०) शाठवेल। कागेरी (सं० स्त्री०) कारं (के.जलं ऋच्छति, क- कारिता (सं• स्त्रो०) कारित-टाप। अधिक वृद्धि ऋ विद्) सञञ्चमेचं रियति, कार ट्मण-बोवन ज्यादा सूद। वृष्टि के लिये किया जानेवाला एक यन्न- "कृषिर्तन तु या इद्विरधिशा सम्प्रकीतिता। कारीय (संकली.) करोरस्य अवयवः, करीर-पान पापशाववा नित्य दाबामा तु सारिता" (दिवा मैतु) १ कारीर, बायको डान्न या खाक । (वि.)२ करोर- - पायत्-कादमें करणी व्यक्ति जो पघिका चुद देना फन्नसम्बन्धीय, करोलके फनमे ससेकार रखनेवासा-। स्वीकार करता, ससौका नाम कारिता है। कारोष (सं० को०). करोफानो - समूहा करीवन्मए । Vol IV. 133 फन्त।
पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष भाग 4.djvu/५२८
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