पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष षष्ठ भाग.djvu/५३७

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गाजिका-गोड़म्बो भावप्रकाशक मतमे इसका गुण वातद्धि कर, शोतल, युद्ध में पोर्तगीजक नौ-मेनापति निहत हुग, बादको गांजा ग्राही, कफ और पित्तनाशक, प्रमेह, काश, रता, व्रण ओर लिम् अपनो महाय मम्पत्ति खोकर बहुत कष्टम मग। ज्वरनवारक. लघु, कषाय, तितरम और स्वादपाक है। गोट ( हि स्त्रो० ) गोष्ठ, कपड़ के किनारे शोभा लिए २ गुन्द्रा, गटपटर। ३ देवधान्य । लगाये जानवाली फोता, मगजी। २ किमी तरहको गोजितका। मं. मी.) गोजिहा म्वार्थ कन्टाप अतः किनारा । ( पु०) ३ गोष्ठ, गाँव, खेड़ा, टोली। (स्त्री.) इत्वञ्च। गनिहा देखो। ४ मडली, गोष्ठी। ५ नगरके बाहर किमी बाग या गोजी ( स० स्त्रो० १ गोजिहालता । ( मश्रुत ) उपवनको मैर या परिभ्रमण । गोजी (हि. स्त्री० ) १ गो हॉकन की कड़ी या लाठी। गोटबस्ती (हि. स्त्री० ) वह जमन जिम पर ग्राम २ लठ्ठ, बड़ी लाठी। बमा हो। गोजीत ( म वि०) जितेन्द्रिय, जिसन इन्द्रियोंको जीत गोटा (हि० पु० ) १ सुनहले रंगका पतन्ना फोता, जो लिया हो। वस्त्रक किनारे शोभा बढ़ान के लिये लगाया जाता है। गोजीर ( म वि० ) पशुप्रेरक, जो स्तोत्टगणके उद्देशमे २ भूनी या मादी धनियाको गिरी । ३ इलायची सुपारी पशुप्रेरणा करता है । ( का ८/११.१३) और खरबूज तथा बादाम के एकत्र छोटे छोटे खगडी को गोझनवट (हिं. पु०) अचल, पाना। स्त्रियों के गिगे। ४ सूखा हुवा मल, कडो, सुद्धा। वह अश जो पोठ और मिर पर रहता है। गोटो ( हि वो.) १ लड़कों के खेल खेलने ककर, गोझा (हिं० ५.) १ गुह्यक, एक ताहका पकान जो मैदे गेरू तथा पत्थरका कोटा गोनट कडा । २ चापड खेलन- तथा म बैंक मंयोगसे बनाया जाता है । २ एक प्रकारका का मोहरा जो हाथीदांत, हडडो, लकड़ो इत्यादिका कटौना तृण । ३ जैव, खींमा, खलीता। बना रहता है, नन्द । इम खेलमे १६ गोलियां होती हैं गोनालिम--एक विख्यात पोत गोज दस्य ( डकैत)। जिनमे ४ लाल, ४ हरे ४ पोल और ४ काले संगको इमका बयाथ नाम-मिवाष्टियों गोजालिम था । रहती हैं। ३ एक प्रकारका खेल जो आडी और मोधी १६०८. ई०को बाराकानसे जब पोत गोज दस्युका अडडा रेखाएं बना कर खेला जाता है। इसमें ८,१५,१८ या (डरा ) उठाया गया और जब वे शनहीपमें आ बसे थे, इमसे ज्यादे गोटियां रख कर खेला जाता है। ४ उपाय, उम ममय गोनालिस् एक मामाना सैन्य और लवण- युक्ति, तदवीर। व्यवमायो था। इमसे कुछ पीछे एक आराकान राजाने गोठ (हिं. स्त्री० ) १ गोष्ठ, गौशाला, गोम्यान । २ गोरी स्वराज्यमे भगाय जाने पर शनहीपमं आ प्राथय ग्रहण थाइ। ३ मेर मपाटा। किया था। यहां गजाको गुजालिमन सहायता दी एवं गोठिल (हि. वि. ) कुण्ठित, जिमको धार तेज नहीं मग मैन्याको पराजय कर उसने अपने को स्वाधीन राजा. हो, कुन्द । के जमा घोषणा कर दी। उस दुष्टने आश्रित राजाको गोड़ (सं० पु० ) १ उव्रतनाभि, बढ़ी हुई नाभो । बहनसे बल पूर्वक विवाह कर लिया और गुम रीतिसे गोड (हि.पु. ) पर, पाव । गजाको मार डाला। इसके अनन्तर गोआके पार्तगीज- गोड़हत (हि. पु० ) १ ग्राममें चौकमी देन वाला, चाका- राजप्रतिनिधिको आराकान पर आक्रमण के लिए बुलाया। दार । २ प्राचीन कालका हरकारा या कर्मचागे। इस १६१५ ईको गोञ्जालिम ५० हजार मैन्य लेकर का काम एक ग्राममे दूमर ग्राम पर पहुचाना था ! पाराकान पहुंचा। उसके अत्याचारसे मग जातिने गोडगाव (हिं० १०) घोड के पिक ने पेग्में बाँधनको सम्मी। मितान्त उत्पीडित हो ओलन्दाजका माहाय्य ग्रहण गोड़न (हिं० पु. ) मिट्टीमे नमक बननिको क्रिया। किया। पोलन्दाज तथा पाराकान राज् को सेनानाने गोड़ना (हि. कि. ) कोड़ना। एकत्र हो दस्युपति गोचालिस पर आक्रमण किया। इस गोडम्वी ( म० स्त्री० ) भलात नामक लताका बीज ।