पृष्ठ:हिन्दुस्थान के इतिहास की सरल कहानियां.pdf/२२९

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{ २२१ ) और इन्हीं में मुझो वहाँ का बादशाह बनने ६ दिया। पर वह पहले उन्म से न लड़ा। उस ने पहले एक छोटी हिन्दू रियासत कुड़ग पर जोर के बास पश्चिमी घाट मिली झुई है या किया और इतने उसको जीत लिया और डाले और माता को बन्दी बना कर और लामा धार के पहाड़ पर कर पश्चिम समुद्र के किनारे की ओर गया और कनाडा और मालाबायको देश गोट लिये। यहां भी उसने लोगों के साथ बड़: क्रूरता का टीपू सुलतान व्यवहार किया और बहुतों को मुसलमान बना डाला । कालीकट के कुछ व्यापारी जितना रुपया टीपू ने मांगा उसला नटे खाके खो उड ने उनको समुद्र में एक बड़ी चट्टान पर भेज दिया वहां चे भूखों मर गये। ४---आठ बरस टीपू को राज करते हो गये थे। उसका चल दिन दिम बढ़ता ही गया, उस के घमण्ड का शारापार न रहा और वह अपने को भारत में सबसे बली समझने लगा। वह दक्षिण ट्राचनकोर की ओर चला और उस देश को भी