पृष्ठ:२१ बनाम ३०.djvu/१६

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2 दूसरा अध्याय जवाहर लाल नेहरू अवाहर लाल नेहरू एक प्रचएट देशमक प्राणी है, यह निहाय किये जीते जी देश के उन्माद से मुक्त होने वाले जीष नहीं। ये पोतरों के अमीर और प्रतापी पिता के इकलौते पुत्र हैं। उस दिम लाहौर में जव राष्ट्रपति के नाते उनका जुलुस निकल रहा था, और मारकली में उनके पिता पं० मोतीलाल मेहक मे उम पर पुष्प वर्षा को थो जिस के उत्तर में उन्होंने उन 'फा प्रमिवादम किया था। यह द्रश्य साधारण न था, घे स्वाधी- मता की वेदी पर जूझ मरमे पाले सच्चे योग हैं। यह धीर पुरुष सब प्रकार के रामसी ठाठ यागकर देश के लिये मेल जाता है उघर उसकी सुकुमार धर्मपक्षी चिम्सा में पर क्षय रोग से 'प्रसित होती है। यदि व्यक्तिगत जीवन के सच्चे पहल पर दृष्टि दी जाय तो यह एक बहुत ही करणा पूर्ण अस्मित्याग