पृष्ठ:२१ बनाम ३०.djvu/१६२

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

1 राहस अफगानिस्ताग फी राद से आये थे।यास्फोटीगामा मे समुद्रीय रास्ता खोल दिया। महमूद मे भारत का सम्बन्ध मम्प पेशिया और पच्छिमी पशिया से किया था परन्तु यास्कोडिगामा में इसाई योरप से सम्बन्ध स्थापित किया। परम्म अन्य पिजेताओं या सरद रिगामा पितामह-मायिक या। १६ वीं शतादि तक योगप को जिस मई दुनिया का पता चला उसका प्राधा एशियाई माग पोरचीगलों के दाय या। पर समी शतादि के अन्त में एक में सफलता प्राप्त की। १७वीं शतादि में अंग्रेज दरत २३चों के पकाधिपत्य पर हाय मारते थे । परन्तु इसी शतादि के अन्त में मोच और अंग्रेज स्पर्धा करके मागे पढ़े, फलतः १४ी शतादि हम दामों राष्ट्रों क उस युग से भरी है जो दोनों के प्रधाग्य के निर्णय के लिये हुये । हमे समझ लेता है यह युख राजनैतिफ है व्यापारिक नहीं, और इसका मूल्य कम से कम मारत फा सिंहासन है। उस समय मी अफगानिस्तान के माफमण धारीदी थे। सम १७५८ में ब्रिटिश साम्राज्य स्थापित हुआ, और इसके २३ वर्ष बाद अहमद शाह श्रश्वाली का भाक्रमण हुया इससे हध प्रथम मादिरशाह का मामम्मगा था था। १८ वी शताब्दि में अंग्रेजों को पंजाब की चिम्सा म थी। घे मद्रास में झग्धों की गा पा से डरे रहते थे। परग्नु