पृष्ठ:२१ बनाम ३०.djvu/२६३

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1 ( २५४ ) श्राधोन । इन में अन्तिम श्रेणी में कुछ ऐसे भी देश है। जिन में प्रत्यक्ष ग्रिटिश का शासन महीं है--पर हर तरह अंग्रेजी के दयाव में है इसलिये दूसरी शक्तियों को सदा उन से दूर रहना चाहिये। सध से प्रथम योरोप को दो शक्तियाँ ऐशिया में आईभी, एक रच और दूसरी पोर्चुगीज, उस समय पोपा को यह अधिकार प्राप्त था कि यह नये प्राप्त प्रदेशों को जिस प्रकार पाइन दोनों देशों को वाट दे। पहले दक्षिण और मध्य अमेरिका स्पेन और पुर्तगाल के हाथ में थे। पर पीछे घे स्वाधीन राज्य हो गये, यूरोपियन साम्राज्यवाद से इन प्रजातन्त्र राज्यों की रक्षा केवल इस लिये होसकी थी कि मनरो ने निश्चय कर लिया था कि हम दूसरों का देश न लेंगे। और न कोई दूसरा हमारे देशो पर अधिकार करेगा । १४ीं शताम्यि में पदि पदी २ शक्तियों में मत भेष न हो जाता सो अफ्रीका से स्पेन और पुर्तगाल अवश्य निकाल दिये जाते । पर अमेरिका ने स्पेन की मल शक्ति को माश कर दिया था इसलिये पेशिया में उस का कुछ भीम रह गया। उसके अधिकाँश राज्य अमेरिका के संयुक्त राज्यों मे लिये, जो बचे बह उसने जर्मनी को येष दिये। सत्रहीं शताब्दि के मध्य में हालैण्ड मे पुर्तगाल को संका से निकाल दिपा । और १८ वीं शताब्दि में प्रमों मे हानेर