पृष्ठ:२१ बनाम ३०.djvu/३०६

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( २४) मासिक पत्र और सम्यादपत्र प्रकाशित हो रहे हैं। कसा ग्मण्ट को सहायता दन में से कर को मिलती है जो मस बाहर पाली श्राफाशी विद्याप्ति के तमाम मयाद भी काशित करने से नहीं चुपते । इटली अगस्त तक प्राकाशी सेना हजार ६२८ मनुष्यों का बन मोर श्राकाशी यान १४५३ हो गये। इन याग में ५० प्रथम म्पेन बोटे से स्पेन मे भी थारसिलोना नगर में श्राफाशी युम येधा सिखलाने और अगा अाकाशी पान बनाने का प्रबन्ध किया है। वहीं जलयुद्ध भी सिखलाने का स्कूल है। गयरमेण्ट पह विचार यी कि स्थल स्थान में लोगों का ओर मे- स्वतन्त्र तौर पर प्राकाशी युर विद्या सामने सिखलाने का प्रवन्ध भी हो। जापान। निरस्त्र होने का निर्णय जय से हो गया है, सबसे जंगो सहास आदि दमामे में साडेतीम रोद सासराप किये गये भिगमन तक को रिपोट यह है, प्रथम भगी के कमर दो बन गये और पाठ बन रहे हैं, दूसरो श्रेणो के ,अर-ये है