पृष्ठ:२१ बनाम ३०.djvu/३२६

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पण अग्नि यर्षा पेसो भयंकर होगी कि कोई पक्षी मी उसके पोषसे ( ३०४ ) Etc मिनटों में लोगों को मार सानेगी और ऐसे पोले होंगे जिन के ah फ़्टव हा फासफोरस मिकल कर आधे मिनट में मनुष्य का ताए सफापा कर देगा। एक मिनट में हजारों कर करने वाले से होटेक नामक यात्र अलग हो संहार करेंगे । लाखौ भाद - पियों के हाथों में शो मेशीन तोपे और अपने माप घलनेवाली बन्दुके होंगो ये प्रति मिनट में करोड़ों गोजिया परसाये गी। यह 21 रफर जिंदामहीं निकल मफेगा,इसके सिपा माफाश में हजारों दयाई जवानों के कारण धफार छा जायगा। चित्र फी भर्पक वारसमे ही से समाप्त नहीं है। मुख क्षेत्रों के बहुत पीछे हवाई अदायों और तोपों से बरसाये ए गोलों के कारण शहरसलसे हुए दिम्नाई पड़ेगे।ये सब पाते तो ऐसी है मोहात है। परन्तु किटान ही प्रमात शस्त्रास्य और मो भयंकर संहार करते दिखाई ऐसकते हैं। एक कल्पमा पह की आ सको है कि विजली और रेसियों के द्वारा मोकों को दो से पलाये जाने वाले हवाई महाज, टैंक प्रादि प्रलय उपस्थित करते दिखाई। ऐसा भी हो सकता है कि जिस हवा में सांस लेसे हैं उसी में षिपुत मयाह पेसा पैदा कर दिया जाय धिस से मनुष्य की मृत्यु हो जाय या कोई प्रश्य किपणा ही उसे मार साले। इस तरह प्रलयंकर युद्धों से जो नर संहार होगा उस से दूर २ तक महामर्यकर प्रकाल पौरमहामारी फैलनामीस्यामाविक होगा। 1 1