सर्व-दल-नेता सम्मेलन ४८३
"विगत अगस्त मे भारत-सरकार ने यह निश्चय किया था कि भि० गाधी तथा
दूसरे कांग्रेस नेताओ को नज़रबन्द रखा जाय और इसका कारण स्पष्ट किया
जा चुका है, और अच्छी तरह मालूम भी है । उस निर्णय के जो कारण थे,
वे आज भी अस्तित्व में हैं, और सम्राट की सरकार भारत सरकार के इस
निश्चय को स्वीकार करती है कि भारत की जनता और सयुन्क्त राष्ट्रो के प्रति
उसका जो कर्तव्य है उससे वह विमुख न हो और मि० गाधी द्वारा उपवास
रखकर अपनी मुक्ति प्राप्त करन के प्रयत्न में सहायक न हो ।"
इस प्रकार सर्व-दल नेता-संमेलन का प्रयास विफल रहा । किन्तु सम्मेलन
की स्थायी-समिति निराश नही हुई । १० मार्च १९४३ को बबई में सर तेज-
बहादुर स्प्र्र् की सभापतित्व में पुन: नेता-सम्मेलन हुआ, जिसमे वाइसराय से
एक सभ्य-मण्डल ले जाकर मिलने का निर्णय हुआ, किन्तु वाइसराय ने डेपु-
टेशन से भेट करने के सम्बन्ध में अपमानजनक शते लगादी, फलतः डेपुटेशन
लेजाने का विचार त्याग दिया गया ।