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पृष्ठ:Duhindisyllabus2022.pdf/२

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प्रथम राज पासहु गयौ। जब रुक्कयौ दह हथ्थ।।

  • चवै चंद बरदाइ इम। सुति मीरन सुनतान।।

दे कमान चौहान कौं। साहि दियै कछु दान।।

बानबेध समय

पद्धरी (50-53)

  • संगहें पान कम्मान राज। उभ्भरे अंग अंतर विराज।।

निसुरत्ति आनि दिय साहि हथ्थ। तरकस्स तीर गोरी गुरथ्थ।।

बानबेध समय कवित्त (54,55,50)

  • ग्रहिय तीर गोरिस्स । कीन बिन इच्छ अप्प कर ।।

श्रृगांर वीर करूना विभछ । भय अद्भुत इसंत सम ।।

Unit 2

विद्यापति सं. डॉ. विवप्रसाद सिंह (लोकभारती प्रकाषन, इलाहाबाद)

बंषी माधुरी

नन्दक नन्दन कदम्बेरि तरुतरे
वन्दह नन्दकिसोरा ।।

रूप वर्णन

  • देख-देख राधा-रूप अपार

करू अभिलाख मनहि पद पंकज अहोनिसि कोर अगोरि ।

पद - 14

  • चाँद-सार लए मुख घटना करु लोचन चकित चकोरे ।

रूप नरायन ई रस जानथि सिबसिंघ मिथिला भूपे ।

पद - 24 बदन चाँद तोर नयन चकोर मोर रूपनरायन जाने ।। Unit 3 कबीर - कबीर - ग्रंथावली, संपादक डॉ. श्यामसुंदर दास (नागरी प्रचारिणी सभा वाराणसी) Unit 4 साखी गुरूदेव कौ अंग 1 से 16 तक विरह कौ अंग पद संख्या - - 1 से 8, 21, 22, 23,44,45 378,400 (15 घंटे) (15 घंटे) (15 घंटे) 338 | Page