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पृष्ठ:Duhindisyllabus2022.pdf/३२

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साखी : गुरुदेव कौ अंग सूरदास : - मैया मैं नहिं माखन खायौ उधोमन न भए दस-बीस इकाई—3 रीतिकालीन हिंदी कविता (क) बिहारी : मेरी भव बाधा हरौ - कनक कनक ते सौंगुनी - कहत नटत रीझत खिजत (ख) घनानंद : अति सूधो सनेह को मारग रावरे रूप की रीति अनूप इकाई—4 आधुनिक हिंदी कविता ..... 19, 20, 21, 22, 23 सुमित्रा नंदन पंत : आह! धरती कितना देती है सर्वेष्वर दयाल सक्सेना लीक पर वे चलें : References 1. कबीर : हजारीप्रसाद द्विवेदी 2. तुलसीकाव्य – मीमांसा : उदयभानु सिंह ..... 3. हिंदी साहित्य का सरल इतिहास : विष्वनाथ त्रिपाठी 4. बिहारी की वाग्विभूति : विष्वनाथ प्रसाद मिश्र 5. हिंदी साहित्य का इतिहास : रामचंद्र शुक्ल 6. डॉ. रसाल सिंह : हिंदी साहित्य के इतिहास पर कुछ नोट्स Teaching Learning Process I सीखने की इस प्रक्रिया में हिंदी साहित्य और हिंदी कविता को मजबूती प्रदान करना कालक्रम के विद्यार्थी युग बोध कोठी से जान सकेंगे। छात्र कविता के माध्यम से उसमें निहित मानवतावादी दृष्टिकोण को बेहतर तरीके से जान सकेंगे। हिंदी भाषा आज तेजी से वैष्वीकृत हो रही है। ऐसे में कविता की भूमिका और भी अधिक महत्वपूर्ण हो जाती है। साहित्य के आरंभ से ही कविता ने समय और समाज को प्रभावित किया है और मानवीय आचरण को संतुलित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। अतः षिक्षण में हिंदी कविता छात्रों 368 | Page