सामग्री पर जाएँ

पृष्ठ:Duhindisyllabus2022.pdf/४

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

________________

Unit 3 • आदिकाल का राजनीतिक, सामाजिक, सांकृतिक परिवेष और साहित्यिक पृष्ठभूमि सिद्ध साहित्य, नाथ साहित्य, जैन साहित्य • रासो काव्य लौकिक साहित्य भक्तिकाल (पूर्वमध्यकाल) भक्ति आंदोलन और उसका अखिल भारतीय स्वरूप - भक्ति साहित्य की दार्षनिक पृष्ठभूमि भक्तिकाल की धाराएँ : • • 1. निर्गुण धारा (ज्ञानाश्रयी शाखा, प्रेममार्गी सूफी शाखा) 2. सगुण धारा ( रामभक्ति शाखा, कृष्णभक्ति शाखा) Unit 4 (15 घंटे) (15 घंटे) रीतिकाल (उत्तरमध्यकाल) • युगीन पृष्ठभूमि (राजनीतिक, सामाजिक-सांस्कृतिक-आर्थिक परिवेष, साहित्य एवं संगीत आदि कलाओं की स्थिति) काव्य - प्रवृतियाँ 1. रीतिबद्ध और रीतिसिद्ध 2. रीतिमुक्त काव्य 3. वीरकाव्य, भक्तिकाव्य, नीतिकाव्य References • हिंदी साहित्य का इतिहास - आचार्य रामचंद्र शुक्ल हिंदी साहित्य की भूमिका आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी

- रसाल सिंह आदिकालीन हिंदी साहित्य : अध्ययन की दिषाएँ संपा, अनिल राय हिंदी साहित्य के इतिहास पर कुछ नोट्स Additional Resources: मध्यकालीन साहित्य और सौदर्यबोध • भक्ति आंदोलन के सामाजिक आधार • हिंदी साहित्य और संवेदना का विकास • हिंदी साहित्य उदद्भव और विकास ·

हिंदी साहित्य का इतिहास हिंदी साहित्य का आदिकाल · साहित्य का इतिहास दर्षन साहित्य और इतिहास दृष्टि Teaching learning process कक्षा व्याख्यान सामूहिक चर्चा 1 से 3 सप्ताह 4 से 6 सप्ताह 7 से 9 सप्ताह -- - - इकाई इकाई इकाई - 1 - 2 3 - मुकेष गर्ग संपा, गोपेश्वर सिंह - रामस्वरूप चतुर्वेदी आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी संपा, डा. नगेन्द्र - आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी नलिन विलोचन षर्मा मैनेजर पांडेय 340 | Page